Lok Sabha Election 2024: हाल ही में तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मध्यप्रदेश में भारी बहुमत से सरकार बनाने के बाद भाजपा लोकसभा तैयारियों में जुट गई है. जनजातीय व महिला वर्ग को केंद्र में रखकर ही इन राज्यों में बीजेपी ने किला फतह किया था और कमोबेश पूरे देश में इसी एजेंडे पर काम हो रहा है. भाजपा इसे दीनदयाल की अंत्योदय… तो कांग्रेस इस वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास बता रही है .
बहरहाल, भाजपा की कार्यशैली हर दिन ही ऐसी रहती है जैसे चुनाव हो और यही वजह है कि छोटे और बड़े चुनाव कोई भी हो, भाजपा उसमें पूरा दमखम लगाती है. मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में बात की जाए तो, वर्ष 2003 के बाद 2018 में कमलनाथ की अगुआई में कांग्रेस ने वापसी जरूर की थी, लेकिन सत्ता बचा नहीं पाए. हालांकि, कमलनाथ तीन साल प्रदेश में ही डेरा जमाए रहे और एक बार चर्चाएं तेज थीं कि कांग्रेस की वापसी हो सकती है. लेकिन बीजेपी ने एक बार फिर प्रचंड जीत हासिल तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया.
नैतिकता के आधार पर हारने के बाद कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया और प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जीतू पटवारी की ताजपोशी भी हो गई और वे लोकसभा की तैयारियों में जुट गए. कांग्रेस भी भाजपा की तर्ज पर संगठन और कार्यकर्ताओं को जोड़ने में लगी है. पार्टी संभावित लोकसभा प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने की बात कर रही है, लेकिन कामयाबी ही तय करेगी कि संघर्ष और नीति किसकी और कितनी कामयाब रही.
बीजेपी 29 सीटें जीतने की कोशिश में
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 29 में से 28 सीट जीती थी. इस बार बीजेपी की कोशिश सभी 29 सीटें जीतकर कांग्रेस के ताबूत में अंतिम कील ठोकने की है. राम मंदिर उद्घाटन ,मोदी लहर ,शाह की राजनीतिक चातुर्यता… इन सबके बाद भी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी और संगठन लगातार बैठकें कर प्रत्याशियों की मार्किंग कर रहा है. मध्यप्रदेश में सरकार बनने के बाद भाजपा ने जिस तरीके से सूबे का मालिक और उसके मंत्रियों का चुनाव किया, वह इस बात की दस्तक है कि लोकसभा चुनाव में भी पार्टी सभी को हैरान कर सकती है.