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अनवर कादरी की जमानत याचिका खारिज, पूर्व पार्षद का दावा- बीजेपी की सदस्यता नहीं ली तो झूठे केस में फंसाया गया

Anwar Qadri(File Photo)

अनवर कादरी(File Photo)

MP News: लव जिहाद के लिए फंडिंग के आरोप में पूर्व पार्षद अनवर कादरी की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. अपर सत्र न्यायाधीश यतेश सिसौदिया ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कादरी की याचिका को खारिज कर दिया. शासन की ओर से जमानत याचिका का विरोध किया गया था. वहीं पूर्व पार्षद ने सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने का दावा किया.

अनवर कादरी ने किया चौंकाने वाला दावा

न्यायालय में पेश जमानत याचिका में पूर्व पार्षद अनवर कादरी ने चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने दावा किया कि जेल में रहने से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. बीजेपी सरकार द्वारा संगठन में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जब मैंने बीजेपी में शामिल होने से मना कर दिया तो मुझे झूठे केस में फंसा दिया गया. इस केस से मेरा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष किसी तरह का कोई संबंध नहीं है.

एक महीने पहले पार्षद पद से हटाया गया

इंदौर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 58 के पार्षद अनवर कादरी को उनके पद से हटा दिया गया है. इसके साथ ही उन्हें धारा-23 के अंतर्गत पांच वर्ष के लिए अयोग्य भी घोषित किया गया है. यह कार्रवाई मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 19(1)(अ) के तहत की गई है. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वार्ड 58 के पार्षद अनवर कादरी को हटाने की मांग संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े से की थी.

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कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज

जानकारी के अनुसार, पार्षद अनवर कादरी पर जिले के विभिन्न थानों में आपराधिक और गंभीर धाराओं में 23 प्रकरण दर्ज हैं. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 506, 392, 324, 302, 307, 452, 341, 427, 25 आर्म्स एक्ट, 64, 64(2)(एम), धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम सहित कई गंभीर प्रकरण पंजीबद्ध हैं. इन धाराओं के अलावा भी कादरी पर अन्य कई मामलों में अपराध दर्ज हैं.

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