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Scholarship Scam:11वीं-12वीं में फर्जी छात्रों का एडमिशन, मदरसे के एक कमरे में पढ़ाई… एमपी में स्कॉलरशिप के नाम पर जमकर हुई ‘लूट’

Madarsa

प्रतीकात्मक तस्वीर

रिपोर्ट- विवेक राणा

MP Scholarship Scam: भोपाल में एक बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है, जिसमें 40 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों (17 मदरसे और 23 स्कूल) शामिल हैं. इन पर छात्रों के नाम पर सरकारी फंड लेने का आरोप है जो सिर्फ कागज़ों में थे. भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भोपाल क्राइम ब्रांच ने इन संस्थानों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

इन संस्थानों पर 2021–22 शैक्षणिक सत्र के दौरान कक्षा 11वीं और 12वीं के 972 फर्जी छात्रों का नामांकन दिखाकर छात्रवृत्ति लेने का आरोप है. हैरानी की बात यह है कि इनमें से अधिकतर स्कूल और मदरसे केवल 8वीं या 10वीं कक्षा तक ही मान्यता प्राप्त हैं. इसके बावजूद इन्होंने प्रति छात्र ₹5,700 की दर से छात्रवृत्ति ली और कुल ₹57 लाख की रकम सरकारी खजाने से निकाल ली.

क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद FIR की गई है, लगातार जांच जारी है और इसमें कई मदरसों के नाम सामने आए हैं. जांच बढ़ने के बाद यह आंकड़ा बढ़ सकता है. हालांकि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने कहा कि मामले में FIR हो चुकी है, लेकिन वक्फ बोर्ड की संपत्ति के दायरे में आने वाले मदरसों की जांच कराई जाएगी.

भोपाल के कमला पार्क के पास मदरसे में जब विस्तार न्यूज़ की टीम पहुंची तो देखा कि रोज वुड्स मदरसा सिंगल कमरे में चल रहा है. जब विस्तार न्यूज़ की टीम ने मदरसे में पढ़ाने वाली टीचर से बात की तो उन्होंने बताया कि एक ही कमरा है और एक ही कमरे में बच्चों को पढ़ाया जाता है. इस मदरसे में 11वीं और 12वीं की क्लास नहीं है. जब मदरसे की पड़ताल की गई तो पता चला कि सेकंड फ्लोर पर बना हुआ रूम किराए पर दे रखा है.

यह योजना मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को सहायता देने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन इसका लाभ वास्तविक छात्रों तक पहुंचने के बजाय कुछ संस्थानों के लिए ‘पर्सनल एटीएम’ बनकर रह गया. हालांकि मामले में सियासी बयानबाजी देखने को मिल रही है.

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मदरसों के नाम पर अवैध काम नहीं होगा- विश्वास सारंग

कांग्रेस का कहना है कि सरकार को ध्यान देना चाहिए कि प्रदेश में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि अवैध काम होगा तो उसकी अनुमति नहीं है, उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पहले ही कह चुकी है कि अगर पैसा ऐंठने के लिए मदरसे चलाए जा रहे हैं तो ये नहीं चलेगा. मदरसों के नाम पर कोई अवैध काम नहीं होगा, इसमें जो भी दोषी होगा, उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी.

इसके पहले भी मदरसे को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं, मगर छात्रवृत्ति घोटाला सामने के आने के एक बार फिर से मदरसे रडार पर दिखाई दे रहे हैं. इस मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे मदरसे में हुए घोटाले की परतें खुलती हुई दिखाई देगी.

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