MP News: मध्य प्रदेश में कुल सड़कों का नेटवर्क 77 हजार किमी है, जिसमें से 203 किमी का हिस्सा ऐसा है जो पूरी तरह ब्लैक स्पॉट है. ये सड़कें 6 विभिन्न निर्माण एजेंसियों के पास है. परिवहन विभाग ने ये डेटा पुलिस विभाग से जुटाया है. पुलिस विभाग, ये आंकड़े खराब सड़क और उनमें होने वाले हादसे के आधार पर जुटाती है. दरअसल, ब्लैक स्पॉट सड़क के उन हिस्सों को कहा जाता है, जहां 3 या उससे अधिक मौत होती हैं.
राज्य सड़क सुरक्षा समिति में रखे जाएंगे आंकड़े
परिवहन विभाग ने ये विश्लेषण किया है कि ब्लैक स्पॉट किस एजेंसी की सड़कों पर हैं. पत्र लिखकर संबंधित निर्माण कार्य एजेंसियों को अगाह किया गया है और ब्लैक स्पॉट ठीक करने के लिए कहा गया है. इसके साथ शॉर्ट और लॉन्ग टर्म प्लान के बारे में भी जानकारी मांगी है. ये पूरी जानकारी राज्य सड़क सुरक्षा समिति के सामने रखी जाएगी. इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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राजधानी भोपाल की 19 सड़कों में ब्लैक स्पॉट
रिपोर्ट में सामने आया है कि भोपाल की सड़कों में 19 जगहों पर ब्लैक स्पॉट हैं. ये ब्लैक स्पॉट 20 किमी के एरिया में फैले हैं. इनकी वजह से साल 2023 में 2906 हादसे हुए, इनमें 2186 लोग घायल और 196 लोगों की मौत हुई. वहीं 2024 में 2900 हादसे हुए, इसमें 2223 लोग घायल हुए और 235 लोगों की मौत हुई. ब्लैक स्पॉट बनने की सबसे बड़ी वजहों में लेफ्ट टर्न, अतिक्रमण, कट प्वॉइंट या सड़कों पर क्षमता से ज्यादा गाड़ियों की संख्या है.
