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कफ सिरप से मौतों के मामले में एमपी सरकार ने अब तक क्या-क्या एक्शन लिए? जानिए ए टू जेड सारी डिटेल

Madhya Pradesh cough syrup case timeline, doctor suspended, SIT formed to investigate

कफ सिरप (सांकेतिक तस्वीर)

Cough Syrup Case Timeline: मध्य प्रदेश में कफ सिरप ‘दवा’ की जगह ‘जहर’ बन गई है. राज्य में अब तक 18 बच्चे काल के गाल में समा गए हैं. इन सबके पीछे ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप है. छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों के 18 परिवारों में कोहराम मचा हुआ है. राज्य सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर बैन लगा दिया है. इस कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल तय मानक से 48.6 गुना ज्यादा मिला. सामान्य रूप से इसका अनुपात सिरप में 0.1 फीसदी होना चाहिए. तय मानक से अधिक डायएथिलीन ग्लाइकॉल होने पर बच्चों की किडनी फेल होने का खतरा रहता है. सीएम मोहन यादव ने सख्त एक्शन लेने के लिए निर्देश दिए है.

पहला मामला 7 सितंबर को सामने आया

सितंबर महीने में छिंदवाड़ा में एक रहस्यमयी बीमारी की वजह से 23 दिनों में 6 बच्चों की मौत हो गई और कई बच्चे बीमार हो गए. किसी को भी इसकी वजह समझ नहीं आ रही थी कैसे बच्चों की मौत हो रही है. छिंदवाड़ा के 5 वर्षीय अदनान खान तबीयत बिगड़ी, उसे तेज बुखार और उल्टी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया. अदनान की हालत बिगड़ने पर उसे नागपुर रेफर कर दिया गया. यहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चे की किडनी फेल हो गई है. एक अक्तूबर तक 6 बच्चों की मौत हो गई थी.

बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता देख जिला प्रशासन ने पानी का सैंपल लिया गया, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने चिकित्सकों की सलाह पर ‘कोल्ड्रिफ’ और नेक्स्ट्रो-डीएस पर तत्काल रोक लगा दी. दवाओं के सैंपल को पुणे स्थित आईसीएमआर (ICMR) लैब में जांच के लिए भेज दिया.

जबलपुर में दवा व्यापारी के ठिकाने पर छापेमारी

‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से मौत के मामले में औषधि एवं खाद्य विभाग ने जबलपुर में कटारिया फार्मा के ठिकाने पर छापेमारी की. यहीं से छिंदवाड़ा में कफ सिरप सप्लाई की जाती थी. ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन ने बताया कि कुल 600 बोटल्स का स्टॉक मंगाया गया था. इसमें से 534 बोतलों को छिंदवाड़ा भेजा गया. वहीं 66 बोतल जबलपुर में ही मिली थीं.

जांच रिपोर्ट में नहीं मिला जहरीला तत्व

12 प्रकार की दवाओं के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था. इसमें 3 अक्टूबर को 3 दवाओं के सैंपल की रिपोर्ट आई जिसमें कोई भी जहरीला तत्व नहीं मिला.

सीएम ने ‘कोल्ड्रिफ’ पर बैन लगाया

सीएम मोहन यादव ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरे प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर बैन लगा दिया. दवा बनाने वाली कंपनी श्रेसन फार्मास्यूटिकल्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया.

आर्थिक सहायता का ऐलान, डॉक्टर सस्पेंड

राज्य सरकार ने 4 अक्टूबर को मृतकों बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया. इसके साथ ही छिंदवाड़ा के परासिया अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद सस्पेंड भी कर दिया. डॉक्टर और श्रेषन कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. डॉक्टर प्रवीण सोनी ने ही पर्चे में कफ सिरप लिखी थी. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 276 और धारा 105 एवं ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 27ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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जांच के लिए एसआईटी गठित की

इस पूरे मामले की जांच के लिए SIT गठित कर दी गई. इसमें एक ड्रग इंस्पेक्टर और प्रशासनिक अधिकारी हैं. ये टीम तमिलनाडु जाकर कंपनी में जांच करेगी.

कमलनाथ ने बच्चों की मौत को हत्या बताया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छिंदवाड़ा और बैतूल में हुई बच्चों की मौत को हत्या बताया है. वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने निशाना साधते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार एक-एक करोड़ की आर्थिक सहायता दे.

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