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Madhya Pradesh: यूपी में पॉलिटिकल पोस्टिंग से मप्र में बढ़ा दावेदारों का प्रेशर, दिसंबर तक की संभव हो पाएगी नियुक्ति

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प्रतीकात्मक चित्र

Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ताजा दिल्ली यात्रा के बाद राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर सरगर्मी तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में कुछ सियासी नियुक्तियों को हरी झंडी देकर मप्र के नेताओं की उम्मीदें भी बढ़ा दी हैं. प्रदेश के विभिन्न निगम- मंडल, प्राधिकरण, आयोग और समितियों सहित अन्य उपक्रमों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति लंबित हैं.

नेताओं को उपकृत करने सूचियां भी बन गई हैं, जल्दी ही नियुक्तियों की संभावना जताई जा रही है. दर्जा मंत्री का ओहदा पाने के लिए भाजपा के नए-पुराने नेताओं की मंत्रालय, मुख्यालय से लेकर दिल्ली की परिक्रमा बढ़ गई हैं.उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने इस सप्ताह अनुसूचित जाति, अजजा और पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ उप शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष- उपाध्यक्षों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी. इधर भाजपा से जुड़े हुए वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि मध्य प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. दिल्ली के नेता संस्था अभियान को लेकर लगातार निगरानी रखे हुए हैं. बेहतर काम करने वाले को ही परफॉर्मेंस के आधार पर पॉलिटिकल नियुक्ति दी जा सकेगी. माना जा रहा है कि दिसंबर के बाद ही नेताओं की लॉटरी लगेगी.

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कांग्रेस से भाजपाई हुए नेताओं को रिटर्न गिफ्ट का इंतजार

पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए नेताओं में पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद छतरसिंह दरबार, रामलखन सिंह, गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी. सिंधिया समर्थकों के अलावा अर्जुन पलिया, दिनेश अहिरवार, शशांक भार्गव, नीलेश अवस्थी और शिवदयाल बागरी जैसे नेता जोर लगा रहे हैं. इन सभी को रिटर्न गिफ्ट का इंतजार है. इसी को लेकर सभी नेता सदस्यता अभियान में सक्रिय हैं.

फरवरी से खाली हैं निगम

फरवरी में मोहन सरकार ने निगम मंडल और प्राधिकरणों में पदासीन 46 दर्जा मंत्रियों की नियुक्तियां निरस्त कर दी थीं. चुनाव के बाद ऐसा माना जा रहा था कि सभी लोकसभा की 29 सीटें जीतने का रिकार्ड बनने के बाद सियासी नियुक्तियों के जरिए भाजपा नेताओं को उपकृत किए जाने का सिलसिला शुरू होगा लेकिन साढ़े तीन महीने बीत गए दावेदार नेताओं का इंतजार लंबा हो गया.

ये नेता हैं दावेदार

प्रदेश में चुनावी सफलता के बाद कई नेताओं की दावेदारी पक्की हो गई है. इनमें माखन सिंह चौहान, केपी यादव, शैलेंद्र बरूआ, आशुतोष तिवारी, संजय नगायच व जितेंद्र लिटोरिया, डॉ हितेष वाजपेयी, आशीष अग्रवाल, नरेंद्र बिरथरे, धीरज पटैरिया, गौरव रणदिवे, शैलेंद्र शर्मा, विनोद गोटिया, कृष्णमोहन सोनी, रजनीश अग्रवाल व यशपाल सिंह सिसोदिया जैसे नेता शामिल हैं.

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यहां होंगी नियुक्तियां

निगम-मंडल, आयोग, प्राधिकरण, ऐल्डरमैन, शासकीय अधिवक्ता, कॉलेजों की जनभागीदारी समितियां एवं अंत्योदय समितियों में नियुक्तियां होंगी. सहकारिता में हजारों कार्यकर्ता एडजस्ट होंगे. इनमें प्राथमिक समिति, जिला सह. बैंक, बीज निगम, लघु वनोपज, आवास संघ, विपणन संघ और उपभोक्ता संघ जैसे उपक्रम है. हाल ही कई निगम मंडलों का प्रभार विभागीय मंत्रियों को दिया गया है. इससे राजनीति सरगर्मी तेज हो गई हैं और नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

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