MP Government Loan: मध्य प्रदेश में सरकार कर्ज के सहारे चल रही है. प्रदेश पर अब तक 3 लाख 90 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है, जिसकी जानकारी खुद प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में दी थी. वित्त विभाग ने शनिवार को कर्ज के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. सरकार 16, 20 और 21 साल की अवधि के लिए कर्ज ले रही है. 1500 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार 16 साल में चुकाएगी. वहीं 1500 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज 20 साल के लिए लिया है. वहीं 21 साल के लिए लिया हुआ कर्ज 2 हजार करोड़ का है. जिसे सरकार को 21 साल में चुकाना होगा. सरकार के खाते में कर्ज की रकम 20 और 21 फरवरी को ट्रांसफर होगी. सरकार ने लोन लेने के लिए बॉंड को RBI के सामने गिरवी रखा है. जिसके बाद ही सरकार को कर्ज की रकम मिलेगी.
मोहन सरकार का कर्ज का लेखा-जोखा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी. इसके बाद मोहन सरकार ने 3 कर्ज लिए. पहला कर्ज 20 दिसंबर को 2 हजार करोड़ का 16 साल के लिए लिया था. फिर 2 फरवरी को मोहन सरकार ने 4500 करोड़ का कर्ज लिया है. इसके बाद 17 फरवरी को सरकार ने 5 हजार करोड़ का लोन लेने के लिए बॉंड गिरवी कर दिया है. इस लिहाज से 66 दिनों के अंदर सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से 12 हजार 500 करोड़ का कर्ज हो गया है. एनालिसिस करें तो सरकार ने हर दिन योजनाओं को गति देने के लिए 189 करोड़ का लोन लिया है.
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अनुपूरक बजट में 30 हजार करोड़ का प्रावधान
बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने 30265 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया. इसमें मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 1648 करोड़ रुपये, तो विद्युत वितरण कंपनियों के लिए उदय योजना में अंश पूंजी के लिए 13365 करोड़ और ब्याज अदायगी के लिए 1200 करोड़ रुपये रखे गए है. वहीं कई विभागों की अपेक्षा महिला बाल विकास में सबसे ज्यादा सरकार ने बजट का प्रावधान रखा है. इसक पीछे की वजह है की सरकार लाड़ली बहना योजना को लागू किया है. बहनों को दिए जा रहे पैसे का भार सरकार पर सबसे ज्यादा है.