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एमपी में अब दो नहीं, तीन बच्चे वालों को भी मिलेगी सरकारी नौकरी, 24 साल पुरानी शर्त से हटेगी पाबंदी

Vallabh bhawan, Bhopal

वल्लभ भवन (फाइल फोटो)

MP News: मध्य प्रदेश सरकार सरकारी नौकरी के नियमों में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. इस बदलाव से प्रदेश के एक बड़े वर्ग को इसका लाभ मिलेगा. राज्य सरकार, शासकीय नौकरी के लिए 2 बच्चों की शर्त हटाने जा रही है. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा. जाहिर है कि इस शर्त के हटने के बाद सरकारी नौकरी पर तैनात अधिकारी या कर्मचारी को तीसरा बच्चा हुआ तो उसे नौकरी से नहीं निकाला जाएगा.

24 साल बाद हटेगी पाबंदी

शासकीय नौकरी के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 26 जनवरी 2001 को दो बच्चों वाली शर्त रखी थी. इस शर्त के अनुसार जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें शासकीय नौकरी नहीं मिलेगी. अब 24 साल बाद सरकार इसे हटाने जा रही है. इस शर्त से पाबंदी हटने के बाद अब तीन संतान वालों के लिए शासकीय नौकरी का रास्ता खुल गया है.

इसके साथ ही न्यायालयों और विभागीय जांच में लंबित मामले स्वत: ही समाप्त मान लिए जाएंगे, यानी इस तरह के किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं होगी. जिन मामलों में कार्रवाई हो चुकी है, उन्हें फिर से नहीं खोला जाएगा.

पड़ोसी राज्यों ने पहले ही हटाई शर्त

मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान में शासकीय नौकरी के लिए दो बच्चों वाली शर्त हटाई जा चुकी है. राजस्थान ने 2016 और छत्तीसगढ़ ने 2017 में ये शर्त हटा दी थी. मध्य प्रदेश में इस शर्त से पाबंदी हटने पर चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों पर असर पड़ेगा.

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राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रजनन दर

जहां देश की प्रजनन दर 2.1 है, वहीं मध्य प्रदेश में ये दर 2.9 है. मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्र में 2.1 और ग्रामीण क्षेत्रों में ये दर 2.8 है. महिला अपने पूरे जीवन काल में कितने बच्चों को जन्म देती है, इसे ही प्रजनन दर कहते हैं. इस दर पर नियंत्रण करके जनसंख्या को बढ़ने से रोका जा सकता है. प्रदेश में जनसंख्या के नियंत्रण के लिए सरकार ने ये शर्त रखी थी.

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