Vistaar NEWS

मध्य प्रदेश सरकार ने खरीफ की बुआई से पहले मंगाया एडवांस में खाद, 15 लाख मीट्रिक टन का हुआ स्टोरेज

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

MP News: मौसम विभाग ने इस साल समय पर मानसून आने की भविष्यवाणी की है. इसी को लेकर सहकारिता विभाग ने खरीफ बोवनी की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. कृषि विभाग ने खरीफ फसल की बोवनी में खाद की उपलब्धता बरकरार रखने के लिए पिछले वर्षों की तुलना में 5-6 लाख मीट्रिक टन खाद का एडवांस में भंडारण कर लिया है. इस हिसाब से इस साल 29 मई तक करीब 20 लाख मीट्रिक टन खाद का भंडारण हो चुका है.

अभी खाद लेने वाले किसानों को नहीं देना होगा अतिरिक्त ब्याज

पिछले साल जून से पहले तक सिर्फ 16 लाख मीट्रिक टन खाद का सहकारी समितियों और निजी दुकान संचालकों के पास भंडारण होता था, वहीं अगर किसान अभी खाद उठाते हैं तो उन्हें कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा. इसका कारण यह है कि इस उठाव से गोदाम खाली हो जाएंगे जिससे रबी सीजन के लिए एडवांस में खाद रखा जा सकेगा.

प्रदेश में खरीफ फसल की बोवनी का रकबा 125 लाख हेक्टेयर है. इसके लिए करीब 17 लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है. इसके पहले तक सरकार एडवांस में 10-15 लाख मीट्रिक टन खाद बुलाती थी, जबकि इस साल 17 लाख मीट्रिक टन खाद के लिए केन्द्र सरकार के माध्यम से सप्लाई का ऑर्डर पहले दे दिया है. बताया जाता है कि जुलाई आखिरी तक 17 लाख मीट्रिक टन और खाद प्रदेश पहुंचने की संभावना है. इसका रबी सीजन में उपयोग किया जाएगा. भंडारण से किसानों को खाद की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें: ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा बयान, बोले- पीएम मोदी के थर्ड टर्म में देश को तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने का संकल्प

पिछले साल से सरकार ने लिया सबक

दरअसल, पिछले साल खरीफ सीजन में खाद का संकट मध्य प्रदेश में गहरा गया था. कई जिलों में किसानों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा था. यहां तक की खाद के काले कारोबार तक पर सरकार ने कार्रवाई की थी. सोसाइटी से खाद लेकर किसानों को ब्लैक में बेचने का सिंडिकेट चल रहा था. जबलपुर सहित कई जिलों में रैकेट पकड़ा और आखिरकार उन पर शिकंजा कसा गया. चंबल और बुंदेलखंड में मारपीट की भी घटनाएं सामने आई थी.

किस खाद का कितना भंडारण

यूरिया – 12 लाख मीट्रिक टन
डीएपी-4 लाख मीट्रिक टन
एनपीके-3 लाख मीट्रिक टन
पोटाश –50 हजार मीट्रिक टन रबी सीजन के लिए भी एडवांस में मंगाया गया है.

Exit mobile version