MP News: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) का विमान ग्वालियर एयरबेस (Airbase) में बेकार स्थिति में खड़ा हुआ है. सरकार के पास बेहतर विमान भी नहीं है, ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार ने निजी एविएशन (Private Aviation) एजेंसियों से विमान किराये पर लिया है. सरकार के साल भर के हवाई सफर में 32 करोड़ रुपये का खर्च आया है. 365 दिनों में कुल 666 हवाई यात्राओं का भुगतान विमानन कंपनियों को सरकार की ओर से किया गया है.
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पूछा सवाल
विमानन विभाग के आंकड़ों की मानें तो हर दिन दो बार हेलीकाप्टर या फिर चार्टेड प्लेन का इस्तेमाल सरकार ने किया है. दरअसल, कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने मंगलवार यानी 17 दिसंबर को विधानसभा में एक सवाल पूछा है. ग्रेवाल ने मु्ख्यमंत्री मोहन यादव ने सवाल करते हुए पूछा है कि 1 दिसंबर 2023 से अब तक कितनी हवाई यात्राएं की गई है. इसके अलावा मंत्री और अफसरों के कितने हवाई दौरे हुए हैं.
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यात्री पर खर्च हुए 32.85 करोड़ रुपये
विधायक के सवाल पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जवाब दिया है. सीएम ने लिखित जवाब में कहा कि विमानन विभाग की ओर से 666 हवाई यात्राएं हुई हैं. इन यात्राओं पर 32 करोड़, 85 लाख, 2 हजार रुपये का भुगतान किया गया है. सरकारी विमान, हेलीकाप्टर से 238 यात्राएं हुई हैं. इसके अलावा 428 निजी विमान और हेलीकाप्टर से की गई है. 365 दिनों के भीतर 756 घंटे की यात्रा हुई है.
इन कंपनियों को हुआ भुगतान
एविएशन कंपनी | भुगतान |
एयरो एयरक्राफ्ट | 16.32 करोड़ रुपये |
जेट सर्वे एविएशन | 13.71 लाख रुपये |
सारथी एयरवेज | 4.21 करोड़ रुपये |
यूनिवर्सल एयरवेज | 11.75 करोड़ रुपये |
विंडवोर्ने प्रा. वि लि | 41.50 लाख रुपये |
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव लेकर आ चुकी है. सरकार ने तय किया है कि नया विमान खरीदा जाएगा. इसके लिए कंपनी को विमान का ऑर्डर भी दिया गया है. करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक लागत पर नए विमान पर आएंगे. हालांकि सरकार को नए विमान के लिए इंतजार करना होगा क्योंकि कंपनी से 2 साल के भीतर डिलेवरी करने के लिए कहा है.
कमलनाथ सरकार में हुआ था विमान खरीदना का फैसला
कमलनाथ सरकार ने विमान खरीदना का फैसला किया था. जिसके बाद साल 2021 में ग्वालियर में गुजरात से इंजेक्शन लाते समय हादसा हुआ. इस हादसे में विमान के कॉकपिट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. नतीजा निकला कि विमान को सुधारा जाए लेकिन अमरिकी एजेंसी ने खर्च ज्यादा बताया. हालांकि इस दौरान जानकारी सामने आई की सरकार के विमान का बीमा नहीं था. जिसकी वजह से सरकार पर ही सुधार का खर्च आना था. फिर सरकार ने नए विमान को खरीदना का फैसला किया.