MP Monsoon: मध्य प्रदेश के 12 जिलों से मानसून की विदाई हो गई है. इनमें ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के जिले शामिल हैं. नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर मालवा, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर और दतिया से मानसून ने पूरी तरह विदा ले ली है. इसके बावजूद प्रदेश में बारिश का एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है. शनिवार को भोपाल, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, सागर, जबलपुर, बालाघाट, सिवनी समेत 30 जिलों में बारिश हुई. सबसे ज्यादा बारिश पचमढ़ी में 56.2 मिमी दर्ज की गई.
जारी रहेगा झमाझम बारिश का दौर
प्रदेश के दक्षिणी हिस्से के पास से ट्रफ लाइन गुजर रही है. वहीं दक्षिणी ओडिशा में डिप्रेशन बना हुआ है. इन दोनों सिस्टम की वजह से बारिश जारी रहेगी. राज्य के दक्षिणी सीमा में स्थित जिलों में झमाझम बारिश देखने को मिलेगी. मौसम विभाग ने खरगोन, बड़वानी और धार जिलों के लिए हेवी रेन का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, दतिया और निवाड़ी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इसके साथ ही 30 से ज्यादा जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है.
प्रदेश में अब तक 20 फीसदी ज्यादा बारिश
मध्य प्रदेश में मानसून की एंट्री 16 जून को हुई थी. अब तक 44.3 इंच बारिश हो चुकी है, जो कि औसत बारिश से लगभग 7 इंच ज्यादा है. राज्य में सामान्य औसत बारिश 37 इंच होती है. गुना में प्रदेश की सबसे ज्यादा बारिश 65.39 इंच हुई है. वही सबसे कम रेन खरगोन में 27.59 इंच रिकॉर्ड की गई. बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में बारिश 46.65 इंच मापी गई है. इस सीजन की सबसे कम बारिश इंदौर और उज्जैन संभाग में दर्ज की गई है.
6 अक्टूबर को पूरी विदा लेगा मानसून
राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, दिल्ली और पश्चिमी यूपी से मानसून विदा ले चुका है. मौसम विभाग के अनुसार 6 अक्टूबर तक एमपी से मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा. IMD के मुताबिक लौटते हुए मानसून से अक्टूबर के पहले हफ्ते में बारिश हो सकती है.
