MP Monsoon: मध्य प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का दौर जारी है. राजधानी भोपाल में शनिवार शाम को तेज बारिश हुई. इस वजह से कई इलाकों में जलजमाव की समस्या देखने को मिली. बारिश की वजह से ट्रैफिक रेंगता हुआ नजर आया. इंदौर, बैतूल, छतरपुर, दतिया, सागर, रीवा, सीधी, सतना, शाजापुर, उमरिया, सीहोर समेत 15 जिलों में भी बारिश हुई.
प्रदेश में तीन दिन हल्की बारिश का दौर
फिलहाल, मध्य प्रदेश में बारिश का कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है. उत्तरी छ्त्तीसगढ़ और एमपी के पूर्वी हिस्से के बॉर्डर पर लो प्रेशर एरिया एक्टिव है. संभावना है कि जल्द ही प्रदेश में बारिश का एक और सिस्टम हो सकता है, इस सिस्टम से तेज बारिश होनी की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले तीन दिन प्रदेश में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा.
रविवार को भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, उज्जैन, देवास समेत 30 से ज्यादा जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है. इसके अलावा अरब सागर में एक चक्रवाती तूफान शक्ति तेजी से गुजरात और महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ रहा है. इस तूफान का असर मध्य प्रदेश में देखने को मिलेगा. वहीं राजस्थान और पंजाब सीमा पर एक पश्चिमी विक्षोभ भी एक्टिव है.
10 अक्टूबर को हो सकती है मानसून की विदाई
राज्य के 12 जिलों से मानसून ने विदाई ले ली है. मौसम विभाग का कहना है कि 10 अक्टूबर तक मानसून पूरे प्रदेश से विदाई ले सकता है. इसके साथ ही IMD ने अनुमान जताया है कि लौटते हुए मानसून से बारिश होगी. फिलहाल कोई स्थानीय सिस्टम एक्टिव नहीं है. इस वजह से बारिश रुक-रुककर हो रही है.
गुना में हुई सबसे ज्यादा बारिश
प्रदेश की सबसे ज्यादा बारिश गुना में 65.6 इंच रिकॉर्ड की गई है. इसके बाद मंडला, रायसेन, श्योपुर और अशोकनगर हैं. वहीं, राज्य की सबसे कम बारिश शाजापुर में 28.92 इंच दर्ज की गई है. बड़े शहरों में सबसे ज्यादा बारिश ग्वालियर में 47.1 इंच हुई है और सबसे कम उज्जैन में 33.75 इंच बारिश हुई.
