मध्यप्रदेश में चेक पोस्ट पर होने भ्रष्टाचार और अवैधी वसूली को रोकने के लिए बड़ा बदलाव होने वाला है.भ्रष्टाचार और अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ‘गुजरात मॉडल’ लागू करने वाला है. दरअसल मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि हम जल्द ही मध्य प्रदेश के परिवहन में गुजरात मॉडल लागू करेंगे. पूरे सिस्टम को पारदर्शी बना दिया जाएगा परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह का कहना है कि इससे यह फायदा होगा कि आपको लाइसेंस के लिए आरटीओ के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे यानी घर से ही आप ऑनलाइन लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं. चेक पोस्ट पर जो अवैध वसूली चलती है उस पर भी लगाम लग जायेगी, इसके साथ ही चेक पोस्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को शरीर पर पहने जाने वाले कैमरे भी लगाने होंगे. इस कैमरों का फायदा यह होगा कि उनके कामकाज पर नजर रखी जाएगी और इससे चेक पोस्टों पर होने वाली अवैध वसूली पर लगाम लगाया जा सकेगी.
परिवहन विभाग में जाना जाने वाला गुजरात मॉडल क्या है?
दरअसल गुजरात के परिवहन विभाग में पूरा सिस्टम पारदर्शी है. गुजरात में वाहनों की जांच, चालान के साथ चेक पोस्ट को भी पेपर लेस किया गया है. गुजरात के चेक पोस्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को शरीर पर पहने जाने वाले कैमरे के साथ मौजूद रहना पड़ता है. इसके साथ गुजरात के चेक पोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखी जाती है.
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मध्यप्रदेश में कब लागू होगा ‘गुजरात मॉडल’
इस सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि “लोकसभा चुनाव के बाद हम मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में गुजरात मॉडल लागू कर देंगे, यह मॉडल लागू होते ही परिवहन विभाग का पूरा सिस्टम पारदर्शी हो जाएगा जिससे परिवहन विभाग में मिल रही भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की शिकायतों पर लगाम लगेगी.