Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने वाला है. पांच दिवसीय इस सत्र में प्रदेश की मोहन सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी. अनुमान है कि यह सप्लीमेंट्री बजट करीब 20 हजार करोड़ रुपए का होगा.
मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 से 20 दिसंबर तक आयोजित होगा. इस दौरान पेश होने वाले अनुपूरक बजट में पूंजीगत निवेश के लिए बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है, ताकि विकास से जुड़े काम प्रभावित न हों. विधानसभा में अनुपूरक बजट 17 दिसंबर को पेश होगा. मोहन कैबिनेट मंगलवार को प्रथम अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है.
अगले तीन महीनों के लिए बजट
अनुपूरक बजट में तीन महीने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. विधानसभा में 17 दिसंबर को सदन में प्रथम अनुपूरक बजट पेश होगा और 18 दिसंबर को सदन में इस पर चर्चा होगी. सत्र बुलाने का सरकार का मुख्य उद्देश्य अनुपूरक बजट पेश करना और आधा दर्जन विधेयक लाना है. मप्र का वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट विधानसभा में जुलाई में पेश किया गया था, जिसके कारण प्रथम अनुपूरक बजट में देरी हुई. वित्त विभाग अक्टूबर से ही अनुपूरक बजट की तैयारी में जुट गया था. कैबिनेट के सामने प्रथम अनुपूरक बजट को लेकर प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है.
वाहन खरीदी के प्रस्ताव को किया इंकार
सभी विभागों को अनुपूरक बजट के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए थे. इसमें तय किया गया था कि अनुपूरक बजट के लिए किस आधार पर प्रस्ताव भेजे जा सकते हैं. विभागों से कहा गया था कि वे नए वाहनों की खरीद के संबंध में प्रस्ताव न भेजें. MP सरकार ने 3 जुलाई वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था.
आम चुनाव के कारण पेश नहीं हुआ था बजट
आम चुनाव के कारण सरकार ने इस साल मार्च में पूर्ण बजट पेश नहीं किया और केंद्र सरकार की तर्ज पर वोट ऑन अकाउंट लाया गया था. लेखानुदान 4 महीने (1 अप्रैल से 31 जुलाई, 2024) के लिए था. वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश का दूसरा अनुपूरक बजट मार्च के आसपास मुख्य बजट के साथ लाया जाएगा.
वित्त विभाग ने फिर शुरू की मुख्य बजट की तैयारी
प्रथम अनुपूरक बजट के काम से निपटने के बाद वित्त विभाग के अधिकारियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारियां शुरू कर दी हैं. वित्त विभाग के उप सचिवों ने जिन विभागों के अधिकारियों के साथ बजट को लेकर चर्चा की है, वह उसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. उप सचिव यह रिपोर्ट संचालक वित्त को सौंपेंगे. सभी विभागों की रिपोर्ट एग्जाई होने के बाद जीरो बेस बजटिंग को लेकर काफी हद तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. बजट कैलेंडर के अनुसार सचिव / प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के बीच 23 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच बजट पर चर्चा होगी. वित्त मंत्री अन्य विभागों के मंत्रियों के साथ बजट प्रस्तावों पर 27 जनवरी से 30 जनवरी तक चर्चा करेंगे.