Vistaar NEWS

ग्वालियर में एक महीने से मासूम लापता, ‘मजिस्ट्रेट महादेव’ के सामने खिलाई कसम, ‘नुकसान’ तय करेगा कौन है दोषी

Magistrate Mahadev

मजिस्‍ट्रेट महादेव

MP News: ग्वालियर के मोहनपुर गांव में रहने वाला तीन साल का मासूम रितेश पाल बीते एक महीने से गायब है. अब तक पुलिस रितेश के बारे में पता नहीं लगा सकी है. अब इस मामले की मिस्ट्री सुलझाने की जिम्मेदारी मजिस्ट्रेट महादेव को सौंपी गई है. पुलिस से उम्मीद टूटने के बाद मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत ने परिजनों को फैसला सुनाया है.

कौन हैं मजिस्ट्रेट महादेव?

दरअसल, महाराजपुरा स्थित गिरगांव में महादेव का प्राचीन मंदिर है, जिन्‍हें ग्वालियर-चंबल अंचल में मजिस्ट्रेट महादेव कहा जाता है. यहां मजिस्ट्रेट महादेव के परिसर में उनकी अदालत लगती है. यहां कौन दोषी होगा? किसे मिलेगा न्याय? ये सब सुनवाई के बाद तय होता है.

मजिस्ट्रेट महादेव पहुंंचा 3 साल के मासूम का मामला

मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में इस बार 3 साल के मासूम रितेश पाल के अपहरण की अनसुलझी गुत्थी का मामला सुलझाने के लिए पहुंचा. मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में सुनवाई के लिए रितेश के पिता पक्ष और मां पक्ष के लोग भी मंदिर पहुंचे. मंदिर की मान्यता के अनुसार, मंदिर के मौजूदा पंचों ने दोनों पक्षों को सुना. मां सपना का आरोप है कि रितेश के पिता जसवंत पाल ने ही उसका अपहरण या कोई अनहोनी घटना की है. वही पिता जसवंत ने मां सपना और उसके भाई सहित अन्य परिवारजनों पर वारदात करने का आरोप लगाया.

3 घंटे चली मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत

3 घंटे तक चली मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में दोनों पक्षो की दलीलों को सुना गया. छोटी-छोटी नोकझोंक के बीच वक्त आया मन्दिर की मान्यताओं को निभाने का. जिसके तहत मजिस्ट्रेट महादेव के दरबार यानी गर्भगृह में दोनो पक्षो को पंचों की मौजूदगी में पेश किया. मासूम रीतेश पाल की मां सपना, मामा, मामी के अलावा पिता जसवंत,दादा सहित संदेही रिश्तेदारों ने महादेव की धरम यानी कसम उठाई. दोनो ने कसम उठाते हुए कहा कि मासूम रितेश पाल के अपहरण या कोई भी घटना कारित करने, उसमे मदद करने में उनका कोई हाथ नहीं है.

एक महीने से लापता है मासूम

रीतेश की मां सपना पाल का कहना है कि पुलिस एक महीना बीत जाने के बाद भी उनके बच्चे को खोज नहीं पाई है. ऐसे में पुलिस से उम्मीद खत्म होने के बाद मजिस्ट्रेट महादेव पर भरोसा किया है. महादेव के दरबार मे उठाई गई कसम तय करेगी कि कौन लोग रितेश के अपहरण में दोषी या सहयोगी है. वहीं पिता जसवंत पाल का कहना है की मजिस्ट्रेट महादेव ही अब न्याय करेंगे. दोनों पक्षों ने जो आरोप एक-दूसरे पर लगाया, उसके बाद सभी ने पंचों की मौजूदगी कसम उठाई. यदि किसी ने भी झूठी कसम उठाई तो सजा का फैसला मजिस्ट्रेट महादेव करेंगे.

मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में मुख्य पंच अमर सिंह ने कसम उठाने से पहले पंचनामा बनाया. दोनों पक्षों के दस्तखत हुए. अमर सिंह का कहना है कि मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत ने 50 हजार का धरम तय किया. जिसके तहत कसम उठाने वालों के साथ यदि आने वाले 05 दिनों के अंदर 50 हजार कीमत से ज्यादा का कोई भी नुकसान या जनहानि होती है तो उस कसम उठाने वाले और उसके पक्ष को दोषी माना जायेगा.

रितेश की जांंच में जुटी है पुलिस

इस अनसुलझी अपहरण मिस्ट्री के मामले में जांच कर रही IPS अफसर ASP अनु बेनिबाल का कहना है कि रितेश को लेकर विशेष टीम जांच कर रही है शहर से लेकर जंगल तक में खोजबीन जारी है, सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए हैं. संदेहियों से सख्ती से पूछताछ भी की गई है. चूंकि वर्तमान में अभी जांच जारी है, ऐसे में जो भी अपडेट होगा वह जल्द सबके सामने आएगा.

ये भी पढ़ें: MP News: कार्यकर्ताओं की समस्या सुनने भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे PWD मंत्री राकेश सिंह, 2 घंटे लोगों से की बातचीत

क्‍या है पूरा मामला?

दरअसल, 1 नवंबर को 3 साल का रितेश पाल मोहनपुर गांव में अपने नाना के घर से अचानक लापता हो गया था. इसके बाद लगभग 500 से ज्यादा जवान और अधिकारियों की टीम ने जंगल की खाक छानी, ड्रोन से भी सर्चिंग की गई और हर एंगल से बच्चे को खोजने का प्रयास हुआ, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. वही दूसरी ओर अब गिरगांव स्थित मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत और उसके फैसले पर रीतेश से जुड़े परिजनों रिश्तेदारों ने भरोसा जताया है, ऐसे में देखना होगा कि रीतेश की अपहरण मिस्ट्री में कौनसा नया मोड़ देखने मिलता है.    

Exit mobile version