Vistaar NEWS

शहीद आशीष शर्मा को सीएम मोहन यादव ने दी श्रद्धांजलि, अर्थी को दिया कंधा, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Martyr Inspector Ashish Sharma was cremated with state honours at Bohani in Narsinghpur

शहीद जवान आशीष शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

MP News: शहीद आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव बोहानी पहुंचा. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पूरा गांव उमड़ा. हजारों की संख्या में लोगों ने नम आंखो से शहीद जवान को अंतिम विदाई दी. सीएम मोहन यादव ने श्रद्धांजलि दी और उनके पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया. मुख्यमंत्री के अलावा कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, कैबिनेट राव उदय प्रताप सिंह, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी मौजूद रहे.

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

नरसिंहपुर जिले में स्थित बोहानी गांव में शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद जवान के पार्थिव शरीर को पहले बालाघाट लाया गया. यहां जवान के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. यहां से जवान के पार्थिव शरीर को नरसिंहपुर ले जाया गया.

जवान की इलाज दौरान हुई मौत

राजनांदगांव जिले के बेवर टोला बांध-कंगूरा मैदान और कुर्रेझरी के जंगल में बुधवार को मुठभेड़ हुई. तीन राज्यों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की संयुक्त फोर्स ने बुधवार (19 नवंबर) को सर्चिंग अभियान चला रही थी. इसी दौरान नक्सलियों की ओर से तीन-चार राउंड फायरिंग हुई. इस फायरिंग में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को जांघ और कंधे में गोली लगी. इसके बाद उन्हें फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: जबलपुर से अमरकंटक का सफर अब 1 घंटे में, मैहर-चित्रकूट पहुंचना भी आसान, पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा आज से शुरू, जानिए किराया

दो बार मिला वीरता पदक

शहीद आशीष शर्मा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बोहानी गांव के रहने वाले थे. साल 2016 में वे सशस्त्र बल में शामिल हुए. साल 2018 में उनकी तैनाती हॉक फोर्स में हुई. आशीष कई बार नक्सली विरोधी अभियान में शामिल हुए. उन्हें भारत सरकार ने दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया. उनका दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी किया गया. जवान के पिता देवेंद्र शर्मा किसान हैं और उनके छोटे भाई भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.

Exit mobile version