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Mayank Rescue Operation: 29 घंटे से मौत के मुंह में फंसा है मासूम, आखिर क्यों मयंक तक नहीं पहुंच पाई है NDRF की टीम?

Mayank Rescue Operation

Mayank Rescue Operation

Mayank Rescue Operation: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनिका गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरे मयंक का अब तक रेस्क्यू नहीं हो पाया है. शुक्रवार 3 बजे के करीब बोरवेल में गिरे मासूम तक रेस्क्यू टीम की पहुंच नहीं बन पाई है. आज शाम 6 बजे के करीब खबर आई थी कि मयंक का पता चल गया है. रेस्क्यू टीम खुदाई करके उस जगह तक पहुंचने की कोशिश में है, जहां मयंक फंसा हुआ है. प्रशासन ने विस्तार न्यूज़ को बताया था कि मयंक जीवित है.

हालांकि, बाद में NDRF ने कहा कि अनुमानित जगह पर मयंक नहीं मिला. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी करीब-करीब दो घंटे और लग सकते हैं. अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है की बच्चे की हालत कैसी है. डॉक्टर की टीम मौके पर मुस्तैद है. NDRF और एसडीआरएफ के साथ ही स्थानीय प्रशासन का अमला अलर्ट है. घटनास्थल पर सैकडों की संख्या में लोग मयंक के लिए दुआ कर रहे हैं. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

युद्ध स्तर पर शुरू हुई थी खुदाई

शुक्रवार को हादसे की खबर लगते ही रेस्क्यू टीम के अलावा पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची. युद्ध स्तर पर खुदाई शुरू हुई. रेस्क्यू टीम लगातार मयंक तक पहुंचने की कोशिश में है. हैरानी की बात ये है कि अभी तक रेस्क्यू टीम को यह पता नहीं चला है कि आखिर मयंक 60 फीट पर है या 70 या 90 फीट. अगर इस बात की जानकारी NDRF की टीम को होती तो बच्चे को मौत के मुंह से निकाल लिया जाता.

कब बाहर आएगा मयंक?

जानकारी के मुताबिक, पहले कोशिश की गई कि बोरवेल को और चौड़ा करके मयंक को बाहर निकाला जाए, लेकिन यह कामयाब नहीं हो पाया. इसके बाद दूसरा विकल्प जेसीबी की मदद से खुदाई शुरू हुई ताकि बच्चे को बचाकर जल्द बाहर निकाला जा सके. इसके बाद रेस्क्यू टीम करीब 30 घंटे से मयंक को बाहर निकालने की कोशिश कर रही है. मयंक अब कब तक बाहर निकल पाएगा. ये कहना अभी मुश्किल लग रहा है.

गेहूं खेत में खेलते-खेलते बोरवेल में गिरा मयंक

यह घटना रीवा जिले के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव की है. यहां रहने वाला 6 साल का बच्चा मयंक अन्य बच्चों के साथ शुक्रवार दोपहर 3 बजे घर से दूर गेहूं के खेत में गया था. खेलते-खेलते बच्चा अचानक खेत में खोदे गए 160 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया. जैसे ही परिवार को हादसे के बारे में पता चला तो वे मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. डॉक्टरों की एक टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची. 160 फीट गहरे बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर रखने की कोशिश हुई, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली.

मौके पर डटे रहे कलेक्टर एसपी

घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह मौके पर पहुंचे. उनके द्वारा बचाव कार्य की लगातार निगरानी की जा रही है. 4 जेसीबी की मदद से खुदाई की गई थी. इसके बाद जब करीब 25 से 30 फीट तक खुदाई हुई तो बोरवेल में एक कैमरा भी भेजा गया. लेकिन इसके बाद भी मयंक की बरामदगी के बारे में जानकारी मिल पाई.रेस्क्यू स्पॉट पर हर कोई भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि मयंक जल्द ही बोरवेल से सुरक्षित बाहर आ जाए.

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