Uma Bharti Met Pragya Thakur: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती इन दिनों काफी सक्रिय दिखाई दे रही हैं. उमा भारती ने भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब एक घंटे तक चर्चा हुई.
मुलाकात के बाद उमा भारती ने प्रज्ञा ठाकुर की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैं प्रज्ञा ठाकुर को देवतुल्य मानती हूं.
‘उत्तरकाशी की घटना पर चर्चा करने आई थी’
उमा भारती और प्रज्ञा ठाकुर के बीच बंद कमरे में करीब एक घंटे तक चर्चा हुई. उमा भारती ने कहा, ‘उत्तरकाशी में जो घटना हुई है, मैं उस घटना को लेकर प्रज्ञा ठाकुर से चर्चा करने आई थी. धराली में जल्द से जल्द वहां रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करना चाहिए. धराली में प्रज्ञा ठाकुर ने तप किया है. मैं प्रज्ञा ठाकुर को देवतुल्य मानती हूं.’
हालांकि प्रज्ञा ठाकुर से मुलाकात के बाद उमा भारती भोपाल से वापस रवाना हो गईं.
‘पॉवर प्रोजेक्ट के कारण सैकड़ों तालाब पहाड़ों पर बन गए’
उमा भारती ने उत्तरकाशी के धराली में हुई घटना को लेकर काफी चिंता जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘हिमाचल एवं उत्तराखंड में हुई भीषण त्रासदी हमे बहुत बड़ी चेतावनी दे रही है. हिमालयीन राज्यों की विकास प्रक्रिया पर हमे तुरंत थमकर प्रकृति, पर्यावरण, पर्यटन और आस्था का संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है.
धराली और हरसिल में आई त्रासदी का मूल कारण सिर्फ बादल फटना नहीं है, बल्कि ऊपर पहाड़ पर धराली के ऊपर के पहाड़ों पर बने हुए प्राकृतिक ताल भारी बारिश से सीमा से बाहर भर गए हैं, और उनमें से कुछ का पानी पहाड़ों से गिरते हुए भारी मलबे को साथ लेते हुए नीचे बह गया, सारी तबाही और जनहानि हुई.
ये तो प्राकृतिक ताल हैं लेकिन अब तो कुछ पॉवर प्रोजेक्ट चोरी से और कुछ अनुमति से ऐसे सैकड़ों तालाब पहाड़ों में बनाते जा रहे हैं जिससे जोशीमठ हो, धराली हो या हरसिल हो जनहानि और राष्ट्र की अमूल्य धरोहर नष्ट हो रहे हैं.
‘हम भाजपा के लोग हिमालय और गंगा को नष्ट करने का पाप ना करें’
उमा भारती ने आगे कहा, ‘जल संसाधन मंत्रालय की गंगा कार्य योजना 2014 अक्टूबर से 2016 सितम्बर तक बनी और इसका शुभारंभ भी हो गया, वो हिमालय और हिमालय की सभी नदियों पर लागू हो सकती हैं. लेकिन उसके बाद वो थम सी गई. जिसमें सुप्रीम कोर्ट में गंगा मंत्रालय द्वारा दिया हुआ हलफनामा भी शामिल है.
अब हम उसका फिर से आरम्भ कर दें. गंगा और उसकी सहायक नदियां भी बचें, हिमालय भी बचे, आस्था भी रहे ,विकास भी हो और पहाड़ों में रोजगार भी बढ़े किंतु विकास के आवरण में विनाश ना हो ऐसी वह कार्ययोजना है. जो टुकड़ो में लागू होकर परिणामविहीन हो गई हैं.
हम भाजपा के लोग, अपने समय पर हिमालय, गंगा और अन्य सदा नीरा नदियों को नष्ट करने का पाप ना करें और भविष्य में ऐसी किसी संभावना को रोक दें.’
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