MP News: मध्य प्रदेश में मानसून जमकर मेहरबान हुआ है. जुलाई के महीने में अच्छी बारिश की वजह से 76 फीसदी कोटा पूरा हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार अब तक पूरे प्रदेश में 19 इंच बारिश होनी थी लेकिन 28.4 इंच बारिश हुई है, जो कि 9.4 इंच ज्यादा है. इस बार सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में 45.8 इंच रिकॉर्ड की गई है. भारी बारिश की वजह से लोगों को मुसीबतों को सामना करना पड़ रहा है. कई लोगों ने अपनी जान गवां दी तो कई लोगों को घर छोड़कर दूसरी जगहों पर शिफ्ट होना पड़ा.
मानसून के कहर से 275 की मौत
शनिवार यानी 2 अगस्त को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई भारी बारिश की वजह से बने हालात और राहत एवं बचाव के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस बैठक में सीएम को अधिकारियो ने बताया है कि अब तक 275 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 61 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने, 144 की मौत पानी/नदी/नाले में ना ले में डूबने से, वहीं भारी बारिश और बाढ़ की वजह से 57 और मकान गिरने से 13 लोगों की मौत हुई है. अब तक 3628 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. वहीं 2 हजार से ज्यादा लोग घर छोड़ने पर मजबूर हैं, इन्हें राहत शिविर में ठहराया गया है.
अतिवृष्टि से प्रभावितों के हर पल साथ है सरकार : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 2, 2025
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➡️राहत एवं बचाव के लिए उठाए जा रहे हैं सभी कदम
➡️आपदा राहत दल द्वारा 432 बचाव अभियान चलाकर 3628 नागरिकों को किया गया रेस्क्यू
➡️प्रभावितों को तेजी से बांटी जा रही है राहत राशि
➡️अब तक 28.49 करोड़ रूपए… pic.twitter.com/EMLO8KckkK
432 पशुओं की हुई मौत
इंसानों के साथ-साथ पशुओं को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. अब 432 पशुओं की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही 1200 मुर्गियां काल के गाल में समा गईं. अतिवृष्टि की वजह से संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. प्रदेश के विभिन्न इलाकों में 293 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, जबकि 3687 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.
सरकार ने जारी की 3600 करोड़ की राशि
जिला कलेक्टर्स द्वारा प्रभावित व्यक्तियों को 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित कर दी गई है. मध्य प्रदेश शासन द्वारा लगभग 3600 करोड़ रुपये की व्यवस्था राहत मद में की गई है, ताकि राहत कार्यों में किसी प्रकार का वित्तीय व्यवधान न आए.
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111 क्विक रिस्पॉन्स टीम तैनात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जाए. NDRF की टीमों को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में तैनात किया गया. SDRF को प्रदेश भर में संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया. पूरे प्रदेश में 259 संवेदनशील क्षेत्र चिन्हांकित करते हुए डिस्जास्टर रिस्पॉन्स सेंटर स्थापित किए गए तथा 111 क्विक रिस्पॉन्स टीम तैनात की गई हैं.
