MP By Election: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर हलचल तेज है. इस सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है. प्रदेश के पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान इस सीट से 5 बार के विधायक हैं. BJP ने इस सीट पर उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 20 साल से हार रहे राजकुमार पटेल को मैदान में उतारा है. कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही इसे कांग्रेस का वॉक ओवर भी माना जा रहा है. जानिए क्या है इसके कारण-
शिवराज की सीट पर कांग्रेस का वॉकओवर?
पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान की सीट बुधनी पर कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल की उम्मीदवारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही इसे कांग्रेस का वॉकओवर भी माना जा रहा है, जिसके पीछे जानकारों ने कई कारण बताए हैं.
राजकुमार पटेल
बुधनी उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को टिकट दिया है. इस सीट से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल की क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है, लेकिन चुनाव के दौरान वह पकड़ कभी असर नहीं दिखा पाती है. वह दिग्विजय सिंह के करीबी भी माने जाते हैं. राजकुमार पटेल लगातार 20 साल से चुनाव हार रहे हैं, इसके बावजूद कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया है, जिसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं.
बुधनी में BJP की जमती पैठ
चुनावी आंकड़ों को देखें तो लगातार बुधनी में कांग्रेस की हार का मार्जिन बढ़ता गया है. यानी यहां BJP की अच्छी पैठ जमती जा रही है. साल 2006 के उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने इस सीट पर 36 हजार वोट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2008 विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह 41 हजार वोट से जीते. 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी 84 हजार वोट के अंतर से हार गए. 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव को 59 हजार वोट से शिकस्त दी. 2023 विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह ने 1 लाख से ज्यादा वोट के अंतर से जीत दर्ज की.
पार्टी से सस्पेंड हो चुके हैं पटेल
किस्सा साल 2009 लोकसभा चुनाव का है. BJP ने विदिशा लोकसभा सीट से सुषमा स्वराज को मैदान में उतारा था. उनके खिलाफ कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को टिकट दिया, लेकिन वह तय समय पर पर्चा ही दाखिल नहीं कर पाए. इसे लेकर कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. साल 2014 में किसी तरह उनकी पार्टी में वापसी हुई.
नहीं कोई मजबूत चेहरा
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भले ही कांग्रेस ने बुधनी में जातीय समीकरण को देखते हुए राजकुमार पटेल को टिकट दिया है, लेकिन बुधनी में वर्तमान में कांग्रेस के पास कोई भी मजबूत नेता नहीं है. साथ ही यहां संगठन भी मजबूत नहीं है.
बुधनी पर उपचुनाव क्यों?
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में शिवराज सिंह चौहान बुधनी से विधायक चुने गए थे. इसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 में शिवराज सिंह विदिशा से सांसद चुने गए. सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री बनने के बाद शिवराज ने बुधनी सीट छोड़ दी. ऐसे में खाली हुई इस सीट पर अब उपचुनाव होने वाले हैं. इस सीट के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी और रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा.
जातिगत समीकरण
बधुनी विधानसभा क्षेत्र में OBC वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं. यहां सबसे ज्यादा मीणा समाज के वोटर्स हैं. इसके अलावा किरार समाज के लोगों की संख्या भी काफी अच्छी है. पूर्व CM शिवराज भी किरार समाज से हैं. बुधनी में राजपूत समाज और ब्राह्मण समाज के मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा कीर और यादव वोटर्स की भी अच्छी संख्या है.