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MP में 30 हजार मेडिकल स्टोर 75 फील्ड ड्रग्स इंस्पेक्टर के भरोसे, 6000 कफ सिरपों की जांच में लगेगा 1 साल

Madhya Pradesh cough syrup case: 30,000 medical stores, 75 drug inspectors, 6,000 medicines in the state will take a year to investigate.

सांकेतिक तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 21 पहुंच गया है. जहां एक ओर मृतक बच्चों के परिजन असहनीय पीड़ा में हैं, वहीं कफ सिरप की जांच में देरी गुस्से का कारण बन रहा है. हालांकि पूरे मामले को लेकर सरकार सख्त है. अब तक राज्य सरकार ने तीन कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है. ड्रग्स विभाग में कमियो के कारण कफ सिरप की जांच होने और रिपोर्ट आने में देरी हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह स्टाफ की कमी बताई जा रही है.

फील्ड पर 75 ड्रग्स इंस्पेक्टर

पूरे प्रदेश में 75 ड्रग्स इंस्पेक्टर फील्ड पर हैं. भोपाल स्थित ड्रग्स विभाग के हेड ऑफिस में स्टाफ की भारी कमी है. स्टाफ को अंगुलियों पर गिना जा सकता है. यही स्टाफ ऑफिस में भी काम कर रहा है और यही स्टाफ दवा दुकानों पर चेकिंग भी करेगा.

6 हजार कफ सिरपों की जांच में लगेगा एक साल

वही, जानलेवा कफ सिरप के जांच रिपोर्ट की बात करें तो छिंदवाड़ा में मामला सामने आने के बाद भी जांच रिपोर्ट में एक सप्ताह की देरी देखने को मिली. हालांकि अलग-अलग जिलों से अलग-अलग कंपनियों के कफ सिरपों की टेस्टिंग की जा रही है और जिस प्रकार से जानकारी मिली है कि पूरे प्रदेश से 6000 लगभग कफ सिरप जांच करने पहुंचे हैं. स्टाफ की कमी और छोटी प्रयोगशाला होने के चलते जांच रिपोर्ट आने में समय लग रहा है. इस तरह देखा जाए तो 6 हजार कफ सिरप की जांच रिपोर्ट आने में एक साल का समय लग जाएगा.

मोबाइल वैन पर हुई खराब

भोपाल में स्थित ड्रग्स कंट्रोल विभाग के हेड ऑफिस के सामने ही मोबाइल वैन खराब रखी हुई है. ड्रग्स विभाग छिंदवाड़ा में घटना के समय इस तरह की मोबाइल वैन का इस्तेमाल जांच के लिए कर सकता था, लेकिन लापरवाही की भेंट चढ़ गई. अलग-अलग जिलों से कफ सिरप के सैंपल मंगाए जा रहे हैं और उनकी जांच की जा रही है. इन मोबाइल बैन का इस्तेमाल छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल जिलों समेत आसपास के कई जिलों में हो सकता था.

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‘जांच में समय लगता है’

पूरे मामले को लेकर विस्तार न्यूज़ से खास चर्चा करते हुए ड्रग्स संयुक्त डायरेक्टर टीना यादव का कहना है कि अलग-अलग जिलों से सैंपल कफ सिरप के लिए जा रहे हैं, जिसकी जांच चल रही है. जांच में समय लगता है, वहीं स्टाफ की कमी को लेकर कहा कि वह सरकारी प्रक्रिया है सरकार वैकेंसी निकलेगी तो कमी दूर होगी.

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