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MP: भारी बवाल के बाद बिजली विभाग का आदेश निरस्त, किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर सैलरी कटने का फरमान हुआ था जारी

Madhya Pradesh cuts electricity rates; consumers to get 22 paise per unit cheaper

प्रतीकात्मक तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश में बिजली विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया था, जिसको लेकर भारी बवाल हो गया. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि अगर किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई की गई तो कर्मचारियों का वेतन कटेगा. आदेश सामने आने के बाद बड़ी संख्या में किसानों का विरोध शुरू हो गया. बवाल मचने के बाद CM डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अब इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है. इस मामले में CM मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है.

बिजली विभाग का आदेश निरस्त

मध्य प्रदेश बिजली विभाग की ओर से किसानों को 10 घंटे बिजली सप्लाई करने और ज्यादा करने पर अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी काटने वाले आदेश को निरस्त कर दिया गया है.

अधिकारियों पर लिया गया एक्शन

इस मामले में CM डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है. किसानो को 10 घंटे तक बिजली देंगे तो देंगे. ये जो अधिकारी उल्टे आदेश निकाल देते हैं उन पर कार्रवाई हुई है.

10 घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई पर कटेगी बिजली

बता दें कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर एके जैन की ओर से एक आदेश जारी किया गया था. इस आदेश में कहा गया था कि किसानों को एक दिन में 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर ऑपरेटर का एक दिन का वेतन कटेगा. वहीं, 2 दिन तक 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर जूनियर इंजीनियर, 5 दिन तक 10 घंटे से अधिक बिजली देने पर DGM, 7 दिन तक 10 घंटे से अधिक बिजली देने पर GM की एक-एक दिन की सैलरी कटेगी.

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यह आदेश उस समय जारी किया गया जब प्रदेश में किसान रबी की फसल की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, सर्दियों में फसल में पानी देने के लिए कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत बढ़ जाती है. इस आदेश के सामने आने के बाद बवाल मच गया.

उमंग सिंघार ने साधा निशाना

बिजली विभाग का यह आदेश निरस्त होने पर मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए हमला बोला है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- ‘कोई भी आदेश सरकार की मंशा के बिना नहीं निकल सकता. सरकार अपनी गलती अधिकारी पर थोपना चाहती है. मुख्य प्रबंधक पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई. सरकार के मंत्री के पास फाइल गई थी फिर मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं. 24 घंटे बिजली की बात करती थी सरकार. अब 10 घंटे ही बिजली देने की बात कर रहे हैं. किसानों को 10 घंटे भी लगातार बिजली क्यों नहीं मिल रही है.’

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