MP News: एमपी हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत में घुसने के आरोप में पकड़े गए अहमद अल मक्की मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के आदेश पर अब अहमद अल मक्की को देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर (Detention center) गोलपाड़ा में रखा जाएगा. यह डिटेंशन सेंटर (Detention center) असम में है और देश में मौजूद चार डिटेंशन सेंटर (Detention center) में सबसे बड़ा है.
कई बार अपनी नागरिकता गलत बताई
दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में विदेशी युवक अहमद अल मक्की के मामले में बुधवार को अहम सुनवाई हुई. 10 साल पहले ग्वालियर पुलिस ने पडाव थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन बजरिया से एक संदिग्ध युवक को पकड़ा था. इस युवक की पहचान अहमद अल मक्की नाम से हुई थी. उसने पहले खुद को सऊदी अरब का नागरिक बताया था. लेकिन सऊदी अरब के दूतावास ने उसको अपने यहां का नागरिक होने से इनकार कर दिया था. इसके बाद आरोपी अहमद अल मक्की ने अपने आप को बांग्लादेश का नागरिक बताया.
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पुलिस कस्टडी से भाग निकला था, हैदराबाद से पकड़ा गया
21 सितंबर 2014 को पकड़े गए अहमद अल मक्की को फर्जी पासपोर्ट से देश में घुसने पर 3 साल की सजा हुई थी. अहमद अल मक्की की सितंबर 2017 को सजा पूरी होने के बाद उसे पडाव थाने में बनाए गए अस्थाई डिटेंशन सेंटर में 9 महीने तक रहा. कलेक्टर के आदेश पर उसे पडाव थाने में बनाए डिटेंशन सेंटर में उसे रखा गया था. अल मक्की महालेखाकार कार्यालय के पास स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए साथ में आए पड़ाव थाने के आरक्षक को चकमा देकर 2018 में भाग निकला था. बाद में उसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया.
इस मामले में उस पर एक मुकदमा और दर्ज किया गया,पुलिस अभिरक्षा यानी डिटेंशन सेंटर से भगाने के आरोप में उसे फिर 3 साल की सजा सुनाई गई. यह सजा भी उसकी पूरी हो गई है. लेकिन जिला दंडाधिकारी यानी कलेक्टर के आदेश पर उसे फिर ग्वालियर सेंट्रल जेल में अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाकर जेल भेज दिया गया.
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हाईकोर्ट ने आरोपी को गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर भेजा
इस मामले को अल मक्की के वकील अकरम खान ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. दायर याचिका में दावा था कि कलेक्टर को अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाने या सजा के बाद जेल में रखने का अधिकार नहीं है. इसका फैसला केंद्र को करना होता है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता और राज्य शासन से इस मामले में 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था. सुनवाई के बाद न्यायालय ने अहमद अल मक्की को असम के गोलपाड़ा डिटेंशन सेंटर में भेजने के आदेश दिए हैं. खास बात यह है कि अभी तक अहमद अल मक्की की नागरिकता सिद्ध नहीं हो सकी है कि वह आखिर किस देश का नागरिक है. हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के भीम सिंह केस का जिक्र भी इस सुनवाई के दौरान किया था जिसका ग्राउंड लेकर हाईकोर्ट ने इस मामले से जुड़े अहम निर्देश दिए.