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MP IAS Transfer: भिंड से लेकर छिंदवाड़ा तक… जानें कलेक्टरों के तबादलों की इनसाइड स्टोरी

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IAS अधिकारियों के ट्रांसफर की इनसाइड स्टोरी

MP IAS Transfer: मध्य प्रदेश में एक साथ 24अधिकारियों के तबादले हुए हैं. मध्य प्रदेश में राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच विवाद ने खूब तूल पकड़ा. प्रदेश में हुई प्रशासनिक सर्जरी में विवादित रहे अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले पदस्थ किया गया है. विवादों में रहने वाले भिंड कलेक्टर को जिले से हटाकर मंत्रालय भेज दिया गया है. वहीं, डिडौंरी कलेक्टर नेहा मारव्या को भी शिकायत के चलते भोपाल में पदस्थ किया गया है. वहीं, नगर नगिम कमिश्नर रहे हरेंद्र नाथ को पुरस्क़ृत करने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

कलेक्टर और विधायक के बीच विवाद

मध्य प्रदेश में खाद संकट पर भिंड कलेक्टर और विधायक के बीच विवाद हुआ. CM हाउस तक शिकायत पहुंची और अब भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को मंत्रालय में पदस्थ कर दिया. भाजपा विधायक की शिकायत के बाद डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या को भोपाल में पदस्थापना दी गई है. नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नाथ को अब छिंदवाड़ा कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि, पूर्व निगम कमिश्नर को लेकर सांसद,विधायक और मंत्रियों ने फोन न उठाने की शिकायत की थी.

17 महिला IAS अधिकारियों को जिले की कमा

24 IAS अधिकारियों के तबादलों में इस बार महिला अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 24 IAS अधिकारियों के तबादलों में सात महिला अधिकारी को जिला कलेक्टर बनाया गया है, तो वहीं पहली बार ऐसा हुआ है जब 55जिलों में 17महिला अधिकारियों को जिले की कमान मिली है. इस बार युवा IAS अधिकारियों को जिलों की कमान सौंपी गई है. इनमें नीतू माथुर(कलेक्टर अलीराजपुर), मीशा सिंह(कलेक्टर रतलाम), ऊषा परमार(कलेक्टर पन्ना), रजनी सिंह(कलेक्टर नरसिंहपुर), शीतला पटले(कलेक्टर सिवनी), अंजू पवन भदौरिया(कलेक्टर डिंडौंरी) औक डमुना भिडे(कलेक्टर निवाड़ी) शामिल हैं.

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तबादलों पर सियासत

तबादलों को लेकर कांग्रेस विभाग के चैयरमेन मुकेश नायक का कहना है कि इस तरह से राजनैतिक विवाद के बाद जब अधिकारी हटाए जाते है तो नौकरशाही पर दवाब बनता है निष्पक्षता से काम ना कर पाने का. ऐसे में ही राजनैतिक हस्तक्षेप के अवसर बढ़ते हैं. ऐसे अधिकारी जिनको दंडित किया जाना चाहिए था, जो नेता,मंत्रियों विधायकों के फोन नहीं उठाते थे उन्हें पुरस्कृत करने से सरकार के कामकाज पर ही असर पड़ेगा. हालांकि, सबसे अच्छी बात ये है कि महिला अधिकारियों को मौका मिला है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि तबादले निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. प्रशासनिक जमावट के हिसाब से ही तबादले होते हैं. ये राजनीतिक विषय नहीं होता है. अधिकारी जनसेवा में काम कर रहे हैं. सरकार की रीति-नीति के साथ काम कर रहे हैं. किसी को ना तो दंडित किया जाता है और न ही पुरस्कृत किया जाता है.

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