Indore Lok Sabha Seat: कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेसी नेता अक्षय कांति बम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है. मामला 17 साल पुराना है. अक्षय बम और उनके पिता दोनों को तय तारीख में कोर्ट में पेश होना था लेकिन वह कोर्ट में पेश नही हुए. जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला लिया है.
कांग्रेस प्रत्याशी थे अक्षय बम
लोकसभा चुनाव 2024 में इंदौर लोकसभा सीट से अक्षय बम कांग्रेस के प्रत्याशी थे. लेकिन उन्होंने 29 अप्रैल को नामांकन की आखिरी दिन अपना नाम वापस लेकर सबको चौंका दिया था.
बीजेपी का थामा था दामन
अक्षय कांति बामणी इंदौर लोकसभा सीट से अपना नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. 12 दिन पहले अक्षय कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस पूरे घटनाक्रम में बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गी ने बम के साथ एक सेल्फी शेयर की थी. नाटकीय घटनाक्रम में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन वापस ले लिया था.
यह है मामला
गौरतलब है कि 2007 में अक्षय बम अपने पिता कांति बम और अन्य के साथ यूनुस गुड्डू की जमीन पर कब्जा लेने गए थे. इस दौरान बम की ओर से फायरिंग भी हुई थी. जिसके छर्रे यूनुस गुड्डू के साथियों को लगे थे. इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा 307 प्रकरण में दर्ज नहीं की थी. इस मामले में कोर्ट ने हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने का आदेश दिया था. इसी में 10 मई अक्षय बम और उनके पिता कांति बम को कोर्ट के समक्ष पेश होना था.
धारा 307 बढ़ाने का आदेश दिया था आदेश
बता दें की 17 साल पुराने केस में अक्षय बम और उनके पिता कांति बम के खिलाफ कोर्ट ने हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ाने का आदेश दिया था. इस मामले में शुक्रवार 10 मई को अक्षय और उनके पिता कांति बम को कोर्ट के समक्ष पेश होना था. लेकिन दोनों ही आज कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो सके. इसके लिए उनके द्वारा माफी आवेदन लगाया गया था, जिसमे कांति बम को डॉक्टर द्वारा 10 दिन का बेड रेस्ट दिए जाने और अक्षय बम के पारिवारिक कार्यक्रम में शहर से बाहर होने की बात कही गई थी.
8 जुलाई के पहले होना होगा पेश
कोर्ट के सामने पेश नहीं होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा ने उनके आवेदन को खारिज कर दोनों का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसके लिए कोर्ट ने 8 जुलाई तक की तारीख तय की है. इससे पहले पुलिस को पिता पुत्र को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश करना होगा. इसके अलावा फरियादी यूनुस गुड्डू द्वारा दोनों की जमानत खारिज करने का आवेदन भी लगाया गया था, लेकिन कोर्ट ने यह करते हुए यह आवेदन खारिज कर दिया कि जब उन्होंने इस मामले में उन्हें जमानत ही नहीं दी है तो खारिज करने का सवाल उठता ही नहीं है.
इस घटना क्रम के बाद अप इंदौर लोकसभा सीट में अब भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के अलावा कोई मजबूत प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा है. यह मुकाबला एक तरफ दिखाई दे रहा है कुछ निर्दलीयों ने अपने फार्म तक वापस ले लिए हैं कांग्रेस अब नोटा को सपोर्ट कर रही है. वह इंदौर की जनता से नोटा को सपोर्ट करने की अपील कर रही है.