MP News: मानसून जिसका इंतजार सबको होता है. बेहाल करने वाली गर्मी के बाद बारिश की बूंद तन-मन को सुकून देती हैं. चार महीने तक होने वाली मानसून की ये बारिश धरती को हरी चादर से ढंक देती है. बारिश के इस मौसम में जहां तक निगाह जाती है बस हरियाली, बादल और साफ हवा का अहसास होता है. इस मौसम में कई जगहें ऐसी होती है जहां लोग घूमने जाया करते हैं. खासतौर पर लोग हिल स्टेशन पर जाते हैं.
मानसून में एमपी का कोना-कोना बारिश की बूंदों से भीग जाता है. एमपी में कई जगहें इस कदर सुंदर बन जाती हैं जो किसी जन्नत से कम नहीं लगती हैं. एमपी के ऐसे 5 टूरिस्ट प्लेस जो मानसून में शानदार नजर आते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में…
पचमढ़ी – सतपुड़ा की रानी
पचमढ़ी जो सतपुड़ा के पहाड़ में स्थित है. इसे सतपुड़ा की रानी कहा जाता है. नर्मदापुरम जिले में पचमढ़ी स्थित है. पचमढ़ी की खोज अंग्रेज अफसर जेम्स फोरसिथ ने साल 1862 में की थी. ‘द हाईलैंड ऑफ सेंट्रल इंडिया’ नाम की किताब में जेम्स फोरसिथ ने पचमढ़ी का जिक्र किया था. मानसून के सीजन में पचमढ़ी घूमने के लिहाज से शानदार जगह है. यहां घूमने के लिए ढेर सारी जगहे हैं.
ऐसा कहा जाता है कि पांडवों की 5 गुफाओं के नाम पर इस जगह का नाम पचमढ़ी रखा गया है. सतपुड़ा के पहाड़ और घने जंगलों की बीच स्थित ये जगह सबको अपनी ओर खींचती है. पचमढ़ी में सतपुड़ा की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है जिसकी ऊंचाई 1352 मीटर है. पचमढ़ी में सनराइज और सनसेट का शानदार नजारा देखा जा सकता है.
पचमढ़ी में चौरागढ़ महादेव मंदिर, अप्सरा फॉल, बी फॉल, ड्चेस फॉल, भ्रांत नीर, पांडव केव्स, पचमढ़ी सेंक्चुरी, गार्डन्स, खांडी खोह जैसे टूरिस्ट प्लेस हैं. पचमढ़ी के जंगल जड़ी-बूटियों का खजाना है. पनारपानी में सरकार ने जड़ी-बूटी बैंक बनाया है जहां आयुर्वेदिक औषधियों को रखा जाता है.
अमरकंटक – तीन नदियों का उद्गम स्थान
कालिदास ने ‘मेघदूत’ में अमरकंटक का जिक्र किया है. ‘मेघदूत’ में अमरकंटक का नाम अमरकूट मिलता है. मैकल की पहाड़ियों पर स्थित ये शानदार जगह टूरिस्ट प्लेस के साथ-साथ धार्मिक जगह भी है. अमरकंटक मैकल की पहाड़ी पर 1048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. मानसून के समय यहां हरियाली के अलावा झरनों की शानदार कतारें देखने को मिलती है.
हिंदुओं के लिए ये जगह बहुत पवित्र है. इसे कोटितीर्थ भी कहा जाता है. यहां से 3 नदियां निकलती हैं जिनमें नर्मदा, सोन और जोहिला सोन शामिल हैं. इसके अलावा यहां कल्चुरी काल के मंदिर हैं. कपिलधारा, दुग्धधारा जैसे शानदार झरने हैं. श्रीयंत्र मंदिर जिसका निर्माण कई सालों से किया जा रहा है. साल में एक बार इसका निर्माण किया जाता है. कबीर चौरा, दुर्गाधारा, माई की बगिया जैसे शानदार और मन को शांति देने वाली जगह हैं.
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तामिया – एमपी का ‘मिनी पचमढ़ी’ कहा जाता है
सतपुड़ा की गोद में स्थित तामिया मानसून के मौसम में लोगों का मन मोह लेता है. बारिश इस जगह को हरी चादर से ढंक देती है. बारिश के मौसम में बादल इतने नीचे आ जाते हैं कि ऐसा लगता है कि आप इन्हें छू सकते हैं. तामिया को एमपी का ‘मिनी पचमढ़ी’ कहा जाता है. छिंदवाड़ा जिले में स्थित तामिया में लोग मानसून के सीजन में दूर-दूर से घूमने आते हैं.
इस टूरिस्ट प्लेस में सनराइज और सनसेट का शानदार नजारा देखने को मिलता है. यहां आप दूर तक फैली पहाड़ियां, हरा-भरा जंगल देखने के साथ-साथ ट्रैकिंग भी कर सकते हैं. अनहोनी कुंड जैसे हॉट वाटर स्प्रिंग को देख सकते हैं. इसके अलावा तामिया के पासआस ढेर सारे शानदार प्लेस हैं जिनमें सतधारा वाटरफॉल, पातालकोट, दुर्गा मंदिर हैं.
मांडू – सिटी ऑफ जॉय या शादियाबाद
सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित मांडू को ‘सिटी ऑफ जॉय’ या शादियाबाद कहा जाता है. मांडू मुगल राजाओं की आराम करने की जगह थी. इसी कारण से इसे शादियाबाद कहा जाता है. धार जिले में स्थित मांडू अपने शानदार महलों के लिए जाना जाता है. यहां कई सारे महल हैं जो अपनी शानदार संरचना के लिए जाने जाते हैं. मानसून की बारिश में मांडू की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. चारों तरफ हरियाली और कोहरे में लिपटा मांडू और उसके शानदार महल नजर आते हैं.
मांडू को मांडवगढ़ भी कहा जाता है. बाजबहादुर और रानी रूपमती की कहानी से गुलजार मांडू सभी को मानसून में अपनी ओर खींचता है. यहां जहाज महल है जो किसी जहाज की तरह दिखाई देता है. इसके अलावा हिंडोला महल, दाई महल, अशरफी महल, जामी मस्जिद, बाज बहादुर का महल और नीलकंठ महल जैसे कई सारे टूरिस्ट स्पॉट हैं. रानी रूपमती पवैलियन है जहां से रानी नर्मदा नदी को निहारा करती थीं जो किसी पतली चांदी की तार की तरह चमकती नजर आती है.
कुकरू – बैतूल का पचमढ़ी
कुकरू को बैतूल का पचमढ़ी कहा जाता है. सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित ये टूरिस्ट प्लेस अपने शानदार वेदर के लिए जाना जाता है. यहां मानसून और विंटर सीजन में लोग घूमने आते हैं. ये एमपी के उन 5 जगहों में से एक हैं जहां मानसून अपने रंग को बिखेरता है. इस जगह को इंद्रधनुष के रंगों से भरता है. सी लेवल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुकरू मानसून में किसी जन्नत से कम नहीं लगता. दूर-दूर तक फैली हरियाली, पहाड़ियां और जमीन को छूते बादल नजर आते हैं.
इस जगह से सनसेट का शानदार नजारा देखने को मिलता है. ये एमपी की एकमात्र जगह है जहां कॉफी की खेती की जाती है. यहां आकर आप कॉफी के बागान को देख सकते हैं. कुकरू के पास स्थित खामला विलेज में विंडमिल्स भी देख सकते हैं. ये जगह ट्राइबल बेल्ट में स्थित है. कोरकू ट्राइब के रहन-सहन, खानपान को करीब से जान सकते हैं.
मानसून के इस सीजन में आपको भी एमपी के इन 5 टूरिस्ट प्लेस में जरूर घूमने जाना चाहिए.