Department of School Education: मध्य प्रदेश में सरकार लगातार बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित है. सरकार के सामने चुनौती है कि छात्र बीच में स्कूल ना छोड़े. इसलिए लगातार उन्हें मोटिवेट किया जा रहा है. इधर, एक बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई है कि मध्य प्रदेश में करीब 14 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है. यानी कि हर स्कूल से 15 से 20 छात्रों का पढ़ाई से मोह भंग हो चुका है. यह जानकारी हाल में ही स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा कराए गए सर्वे से निकलकर सामने आई है.
स्कूल शिक्षा विभाग में ड्रापबॉक्स में चिन्हित छात्रों की जानकारी इकट्ठा की है. इस दौरान जानकारी निकाल के सामने आई है कि साल 2023-24 की कक्षा की उपस्थिति से मिलान करने पर यह खुलासा हुआ है कि कुछ बच्चों की मौत हो गई है, या फिर कुछ छात्र गांव और विकासखंड में वापस चले गए हैं. जिनके बारे में जानकारी उपलब्ध फिर से करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे छात्र जो जिले या फिर राज्य से बाहर चले गए हैं उनके बारे में भी जिला परियोजना अधिकारी जानकारी इकट्ठा करेंगे. साथ ही पढ़ाई छोड़ चुके छात्र फिर से वापस पढ़ना चाहते हैं तो उनके बारे में भी उन्हें प्रेरित किया जाए. इसके अलावा फिर से शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ा जाए, यदि कोई छात्र पढ़ाई नहीं करना चाहता है तो शाला त्यागी छात्र के रूप में उसे चिंहित किया जाए और पूछा जाए कि आखिर क्यों पढ़ाई नहीं करना चाहता है. पूरे प्रदेश भर में मार्किंग करने के बाद एक जानकारी और निकाल के सामने आई है कि प्रदेश में 90% छात्रों का आधार पंजीयन है. इसके अलावा चाइल्ड प्रोफाइल में जिन छात्रों का आधार सत्यापित नहीं है या फिर डमी आधार नंबर है. उनके लिए विशेष कैंप लगाकर नाम जोड़ा जाए. जिससे उन्हें निशुल्क पाठ्यपुस्तक, छात्रवृत्ति और ड्रेस की सुविधा मिल सके.
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स्कूल शिक्षा विभाग की मैपिंग रिपोर्ट – पूरे प्रदेश भर में कराया सर्वे, निकली चौका देने वाली जानकारी
स्कूल शिक्षा विभाग ने 52 जिलों में सर्वे कराया है इस मैपिंग के दौरान जानकारी निकलकर सामने आई है कि करीब 58458 स्कूलों में बच्चे पढ़ाई छोड़ चुके हैं. इन स्कूलों में करीब 1 लाख 37 हजार 487 छात्र हैं. जिनकी एंट्री डुप्लीकेट के तौर पर हुई है. 2565 छात्रों की साल 2023-24 में मौत भी हो चुकी है. साल 2023-24 में 12वीं की पढ़ाई करीब 13 हजार 711 छात्रों ने पास की है. 2 लाख 46 हजार 926 बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है. 1 लाख 94 हजार 500 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद दूसरे राज्य या फिर जिले में माइग्रेट हो चुके हैं. 8 लाख 12 हजार 912 छात्र ऐसे हैं, जिनके बारे में फिर से मैपिंग करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं. क्योंकि उनके पढ़ाई के संबंध में सही जानकारी विभाग के पास नहीं है.