MP News: इंदौर में लगातार फैल रहे डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग लोगों की बेहतरी के लिए भले ही कुछ कर नही पा रहा है. लेकिन डेंगू से होने वाली मौत को छिपाने का काम बखूबी कर रहा है. इंदौर में इस सीजन में डेंगू से मौत का पहला केस सामने आया है. बड़ी बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिन बाद माना है कि मरीज की मौत डेंगू की वजह से हुई है. कल भी शहर में डेंगू के एक दर्जन मामले सामने आए है.
वहीं डेंगू के प्रकोप से बच्चे भी अछूते नहीं है. देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अत्यधिक सफाई होने के बावजूद डेंगू तेजी से अपने पैर पसार रहा है. इस सीजन में अब तक डेंगू के 331 केस सामने आ चुके है. इनमे 177 पुरुष, 121 महिलाए और 33 बच्चे शामिल है. डेंगू से अब तक एक मौत हो चुकी है. पालदा के अंसारी बाग के रहने वाले 16 साल के महमूद अली अंसारी को 18 अगस्त को अचानक से बुखार आया था, उसके बाद नजदीकी निजी क्लीनिक पर उसे दिखाया गया था, डॉक्टर ने उसे दवा दे दी, जिसके बाद वह घर आ गया. लेकिन देर रात अचानक आठवी कक्षा के छात्र महमूद अली अंसारी की तबियत बिगड़ी जिसके बाद उसे बड़े निजी अस्पताल ले जाया गया, जहा चंद घंटो के इलाज के बाद उसने दम तोड दिया.
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15 दिन तक छिपाई मौत की बात
मोहम्मद की मौत की बात स्वास्थ्य विभाग 15 दिन से छिपाई बैठा है. जबकि 18 अगस्त को ही यह स्पष्ट हो चुका था कि मोहम्मद को डेंगू है और 19 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी. अब तक डेंगू को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहे जिला मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल डेंगू से बचने के उपाय बता रहे हैं.
डेंगू लार्वा मारने के लिए के गई थी नौटंकी
लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलो में अब स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों की भी जादूगरी करने में जुटा है. डेंगू का लार्वा नष्ट करने के उद्देश्य से तमाम नौटंकी करते हुए ड्रोन भी उड़ाए गए थे, लेकिन उसका भी शहर को किया फायदा नही मिला. बारिश में सड़को पर गड्ढे हो गए, जगह जगह पानी भरा हुआ है और लार्वा पैदा हो रहे है, ये लार्वा बड़े होकर मच्छर बनकर लोगो को काट रहे है, जो अब उनकी मौत का कारण भी बन रहा है.