MP News: भारत सरकार ने 20 साल पहले तैयार की गई पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की डीपीआर फिर राज्य सरकार से मंगाई है. जल संसाधन विभाग अब पूरे प्लान को रिवाइज कर रहा है. इसमें 6 महीने का समय लगेगा. परियोजना से प्रदेश के दस जिलों में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी. रिवाइज डीपीआर में एमपी में 17 नए बांध शामिल किए जाएंगे. पुरानी डीपीआर में शामिल मोहनपुरा और कुंडलिया सहित ज्यादातर बांध बन चुके हैं.
बता दें कि 2023 में विधानसभा में भाजपा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा के बीच एमओयू हुआ था. 72 करोड़ की इस परियोजना में मध्य प्रदेश, राजस्थान को पांच-पांच फीसदी राशि देनी होगी और 10 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी. अब तक की प्रगति परियोजना की रिपोर्ट फरवरी 2004 में तैयार की गई थी. आरसीपी का प्रस्ताव राजस्थान सरकार 2019 लाई. पानी बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद चला. राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद एमओयू साइन किया गया.
चंबल: एमपी के धार, उज्जैन, रतलाम, भिंड, मुरैना से होती हुई राजस्थान पहुंचती है.
पार्वती: सीहोर जिले स्पो कीविंध्याचल पहाड़ियों से निकलती है. यहां से गुनाव फिर राजस्थान के प्रवेश कर पाली के पास चंबल नदी में मिलती है.
कालीसिंध: देवास जिले के बागली गांव में विंध्याचल की पहाड़ियों से निकलती है. जा राजगढ़ से होते हुए राजस्थान पहुंचती है और चंबल में मिलती है.
अगस्त में होगा केन-बेतवा परियोजना का शुभारंभ
केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगस्त में कर सकते हैं. मंगलवार को केंद्र सरकार की बांध डिजाइन संस्था भी इस क्षेत्र का भ्रमण करने बुंदेलखंड जा रही है. एमपी के 10 जिलों में 3.5 लाख हेक्टेयर में होगी सिंचाई परियोजना से प्रदेश में 17 बैराज (बड़े बांध) बनाए जाएंगे. इन बांधों के 1,477.62 मिलियन घन मीटर एमसीएम पानी को रोका जाएगा. जिससे प्रदेश में उज्जैन, धार, इंदौर, आगर मालवा, शाजापुर, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, ग्वालियर और भिंड के जिलों को साढ़े तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा सिंचाई होगी. इसके साथ ही तीस लाख लोगों को पीने के लिए पानी मिलेगा. इससे सीएम और सिंधिया के क्षेत्रों को ज्यादा फायदा मिलेगा.
एमपी से लेट हो रही डीपीआर
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना मध्य प्रदेश की साइड से थोड़ी सी लेट है. अभी तक मध्यप्रदेश में इसकी डीपीआर तैयार नहीं हो पाई है. डीपीआर बनने के बाद ही कुछ आगे काम बढ़ेगा. डीपीआर जल्द तैयार करने के लिए कहा गया है. इस परियोजना में उत्तरप्रदेशशामिल नहीं होगा.