MP News: प्रदेश में आज भी एक चौथाई आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं. इनकी संख्या 24 हजार से ज्यादा है. ये आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं. किराये के कई भवनों का आकार छोटा है. हालत यह है कि भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे शहरों में आधे से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में चल रहे हैं, वहीं जबलपुर में तो एक तिहाई आंगनबाड़ी केंद्रों के पास ही खुद के भवन हैं. एमपी सरकार ने नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण और पुराने भवनों के रेनोवेशन की तैयारी कर ली है. पहले चरण में 50 करोड़ रुपए से नए भवनों का निर्माण किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक मप्र में कुल 97 हजार 135 आंगनबाड़ी केंद्र हैं.इनमें से 84 हजार 465 आंगनबाड़ी और 12 हजार 670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं.महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 51 हजार आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय भवनों में और 21 हजार 696 अन्य सरकारी भवनों में चल रहे हैं, वहीं 24 हजार 434 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं.
राजधानी भोपाल में कुल 1872 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इनमें से 942 केंद्रों के पास ही खुद आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन हैं.बाकी किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं. महिला – बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में जानकारी एकत्रित की, तो सामने आया कि किराये के कई भवनों का आकर छोटा होने से बच्चे इनमें ठीक से बैठ नहीं पाते. ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर किराये के भवनों की स्थिति ठीक नहीं है. विभाग के खुद के आंगनवाड़ी भवन भी अच्छी स्थिति में नहीं हैं.इसे देखते हुए विभाग ने नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण और पुराने भवनों के रेनोवेशन की योजना की तैयार की है.
बिना बाउंड्रीवाल का आंगनबाड़ी भवन
आंगनबाड़ी भवन की लागत 10 लाख 22 हजार प्रदेश में आंगनबाड़ी भवन बनाए जाने की लागत भी निर्धारित है. इसके तहत बिना बाउंड्रीवाल का आंगनबाड़ी भवन 7 लाख 10 हजार और जीएसटी सहित 7 लाख 55 हजार रुपए में बनता है.वहीं बाउंड्रीवाल वाले आंगनबाड़ी भवन के लिए 10 लाख 22 हजार रुपए स्वीकृत किए जाते हैं.
चरणबद्ध तरीके से होगा भवनों का निर्माण
महिला-बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि एक साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.पहले चरण में 150 करोड़ रुपए की लागत से नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे। जिन भवनों की स्थिति ठीक नही है, उनका रेनोवेशन भी चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सुपरवाइजर को एक लाख सिम देने की तैयारी
महिला-बाल विकास विभाग प्रदेश की 97 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं और सुपरवाइजर को एक-एक मोबाइल सिम देने तैयारी कर रहा है.इसके लिए 21 अगस्त तक ऑफर बुलाए गए थे, जिसकी तारीख अब बढ़ाकर अब 30 अगस्त तक कर दी गई है.ये सिम एक लाख एक हजार 191 कार्यकर्ताओं और सुपरवाइजर को दी जाएंगी, जो स्थायी तौर पर आंगनबाडी में पदस्थ कार्यकर्ता के पास रहेगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चार साल पहले मोबाइल दिए गए थे, जिसमें अब तक वे अपना सिम चला रही थीं.अब इन मोबाइल में सरकार की ओर से दिए जाने वाली सिम उपयोग होगी। इसके लिए ही यह व्यवस्था लागू की जा रही है, ताकि हर आंगनबाड़ी केंद्र का स्थायी नंबर रहे.
हर तीन महीने में दिए जाते हैं 500 रुपए
सरकार की ओर से अब तक 500 रुपए प्रति तीन महीने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में सिम रिचार्ज करने दिए जा रहे हैं.यह हर माह औसत 160 रुपए होता है। अब मोबाइल सिम देने के साथ क्या व्यवस्था तय होगी? इसको लेकर अभी शासन स्तर पर फैसला किया जाएगा.