MP News: मध्य प्रदेश के सभी थानों में दो दर्जन के लगभग टैबलेट दिए जाने की तैयारी की जा रही है. इस तैयारी में प्रदेश की पुलिस करीब 6 महीने लेट हो चुकी है. यह व्यवस्था एक जुलाई से प्रदेश में लागू होना थी लेकिन बजट की कमी के चलते 6 महीने बाद यानी नए साल से लागू होगी. इसके पीछे केसों से जुड़े एविडेंस सेव रखने पर पुलिस का फोकस है.
बजट की कमी चलते टैबलेट खरीदने में हुई देरी
मध्य प्रदेश में लगभग 1150 पुलिस स्टेशन हैं. इन सभी में केस दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी कागजों पर ही अपनी जांच करते हैं. अब कागजों की जगह जांच से जुड़े साक्ष्य टैबलेट में सुरक्षित सेव रहेंगे. यह टैबलेट अपराधों की जांच में लगे पुलिसकर्मियों को दिए जाएंगे. प्रदेश के अलग-अलग थानों में करीब 25 हजार जांच अफसर हैं. इन सभी को टैबलेट दिए जाने की तैयारी की जा रही है.
ये भी पढ़ें: ग्वालियर में एसपी ऑफिस के पास PHE ठेकेदार से 5 लाख रुपये की लूट, पुलिस बोली- आरोपियों की तलाश जारी
देश में एक जुलाई से लागू हुए 3 नए कानून के बाद टैबलेट खरीदने को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की पुलिस को कहा था. प्रदेश में भी यह संदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय से आया था. उस वक्त प्रदेश में बजट की कमी थी. इसके चलते यह तय किया गया कि एक जनवरी तक बजट की व्यवस्था कर ली जाएगी और फिर नवंबर-दिसंबर में इनकी खरीद कर जिलों में पहुंचा दिए जाएंगे. जहां से हर थाने में इन्हें दिया जाएगा.
अफसर बदलेंगे लेकिन टैबलेट वही रहेगा
जांच के दौरान अफसर बदले गए या उनका तबादला हो गया तो जांच पर असर नहीं पड़ेगा. जांच अधिकारी अपनी जगह पर जिस दूसरे जांच अधिकारी को जांच दी जाएगी. उन्हें यह टैबलेट सौंपा जाएगा. वे अपने साथ दूसरी पदस्थापना पर टैबलेट लेकर नहीं जा सकेंगे. वीडियो फोटो सेव करना होगा आसान नए कानूनों के तहत भारतीय साक्ष्य अधिनियम में ई-साक्ष्य को अनिवार्य किया गया है.
ये भी पढ़ें: कुत्तों की नसबंदी को लेकर ग्वालियर में हंगामा; एनिमल लवर्स ने कमिश्नर की कार के सामने रखा कुत्ते का शव
विवेचना को CCTNS से जोड़ने के लिए भी मुख्यालय तैयार कर रहा योजना
विवेचना अधिकारियों को घटनास्थल से लेकर सभी साक्ष्यों की वीडियो रिकॉर्डिंग करनी होगी. जरुरत होने पर घटना या घटना स्थल से जुड़े फोटोग्राफ आदि भी सुरक्षित रखना होते हैं. ऐसे में यह टैबलेट पुलिस के लिए खास लाभकारी होगा. इससे सबूत जुटाने और उन्हें सुरक्षित रखने में भी आसानी रहेगी. इसके साथ ही इसे CCTNS से भी जोड़ा जाएगा.