Khandwa News: मध्य प्रदेश के खंडवा (Khandwa) से एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां पिंजरे में कैद 27 तोतों (Parrots) को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने इनका हेल्थ चेकअप भी करवाया और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट (Forest Department) से इन्हें आजाद करने के लिए कहा गया.
दो आरोपियों को पकड़ा गया
खंडवा न्यायालय में मंगलवार को 27 तोतों की पेशी हुई. तोतों की आजादी के लिए वनकर्मियों ने कोर्ट में इन्हें पेश किया, जहां से अनुमति मिलने के बाद तोतों को पिंजरे से खुले आसमान में आजाद कर दिया गया. दरअसल खंडवा में वन विभाग के अमले ने शनिवार यानी 1 मार्च को 27 तोतों के साथ दो आरोपियों को पकड़ा था. पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय ने पेश किया गया.
तोतों को वन विभाग ने अपने अधिकार में रख लिया. इनको कोर्ट में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने इन्हें पिंजरे से आजाद करने के लिए वनकर्मियों को अनुमति दी. वनकर्मियों को तोतों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण करवाने के लिए कहा. जिस स्थान से आरोपियों ने तोतों को पकड़ा था उसी स्थान पर इन तोतों को ले जाया गया. वहां इन तोतों को पिंजरे से आजाद कर दिया गया.
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प्रतिबंधित प्रजाति बेच रहे थे आरोपी
खंडवा में वन विभाग के अधिकार संदीप वास्कले ने कहा कि शनिवार को पिंजरे में कैद तोतों को बेचते हुए दो आरोपियों को पकड़ा गया था. यह दोनों आरोपी रोज रिंग पेरापिट प्रजाति बेच रहे थे. वन विभाग के अनुसार यह वन्य प्राणी अधिनियम के तहत टाइप 2 कैटेगरी में प्रतिबंधित प्रजाति है. इन तोतों के गले में लाल कलर का छल्ला होता है जो इनकी खूबसूरती को बढ़ाता है. आरोपियों के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की गई है.
आरोपियों को जेल भेजा गया
वन विभाग ने रविवार को ही दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया था. जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया है. मंगलवार को न्यायालय में तोतों को वनकर्मी लेकर पहुंचे. जहां लोक अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया कि वनकर्मियों ने तोतों को आजाद करने के लिए न्यायालय से आवेदन किया था. जहां से तोतों को आजाद करने की अनुमति दी गई. वनकर्मियों ने तोतों का स्वास्थ्य परीक्षण करवा कर खंडवा जिले के कालजाखेड़ी क्षेत्र जहां से आरोपियों ने तोतों को पकड़ा था, वहीं इन तोतों को ले जाकर पिंजरे से आजाद कर दिया.
