MP News: एक तरफ सरकार सीएम राइज स्कूल पर करोड़ों खर्च कर रही है. वहीं प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों को छात्र ही नहीं मिल रहे हैं. विद्यार्थी न होने से प्रदेश के पौने पांच सौ यानी 475 सरकारी स्कूलों में आज से ताले लग जाएंगे. इन सरकारी स्कूलों से क्षेत्र में रहने वाले अभिभावकों का मोह भंग हो गया है. इनमें अधिकांश स्कूल वे हैं जो बुनियादी सुविधाओं से भी जूझ रहे हैं.
शून्य नामांकन वाले स्कूलों के 359 शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया है.जो शिक्षक काउंसलिंग में नहीं पहुंचे हैं, उनकी विभाग प्रशासकीय आधार पर पदस्थापना करेगा. प्रदेश के जिलों में 482 स्कूल ऐसे हैं, जो शून्य नामांकन यानि बिना विद्यार्थियों वाले है. इस साल इन स्कूलों में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया है. जबकि शून्य नामांकन वाले स्कूलों में 359 शिक्षकों की पदस्थापना हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को चिंहिंत करते हुए इन्हें कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिफ्ट किया है. इसे लेकर गुरुवार को लोक शिक्षण संचालनालय ने जिलों में डीईओ के माध्यम से काउंसलिंग आयोजित कर शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया है. इसके साथ ही विभाग ने स्पष्ट कहा है कि शून्य नामांकन वाले स्कूलों के जो शिक्षक काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें विभाग प्रशासकीय आधार पर अन्य स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा.
यह है प्रदेश की स्थिति
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह स्कूल अब क्रियाशील नहीं रहेंगे. भविष्य में क्षेत्र में लोग विद्यार्थियों का प्रवेश कराना चाहेंगे, तो इन्हें दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. प्रदेश के शून्य नामांकन वाले स्कूलों की संख्या 482 है. इनमें 359 शिक्षकों की पदस्थापना है. इसमें पहली से पांचवी तक 452 स्कूल हैं, इनमें 290 शिक्षकों की पदस्थापना है. वहीं छठवीं से आठवी तक 24 स्कूल हैं। इसमें 15 शिक्षकों की पदस्थापना है. जबकि पहली से आठवी तक 16 स्कूल हैं। इसमें 54 शिक्षकों की पदस्थापना है. भोपाल जिले के चार स्कूलों में आठ शिक्षक पदस्थ थे. इसमें प्राथमिक शाला बाल विहार, खूजाखेड़ी बैरसिया, अनुजा विलेज रतनपुर व परवलिया संकुल अंतर्गत पृथ्वीपुरा स्कूल शामिल हैं. इनकी दूसरे स्कूलों में काउंसलिंग के माध्मय से पदस्थापना की गई है. ग्वालियर में 16, इंदौर में दो व जबलपुर में तीन शिक्षकों की पदस्थापना थी.
70 हजार शिक्षकों की कमी, अतिथि शिक्षकों की होगी भर्ती
स्कूलों में 70 हजार पद खाली हैं. इन पदों को भरने के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया 30 जुलाई से शुरू होगी. अतिथि शिक्षक द्वारा जीएफएमएस पोर्टल पर ज्वाइनिंग दर्ज करना व शाला प्रभारी से प्राप्त करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. सत्यापित ज्वाइनिंग पत्रक की छायाप्रति अपलोड करने की तिथि 1 अगस्त से 7 अगस्त तक रहेगी. शाला प्रभारी अतिथि शिक्षकों का प्रमाणीकरण 1 से 7 अगस्त तक करेंगे. इस बार तीस फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नहीं रखा जाएगा. मप्र में सरकारी स्कूलों की संख्या 1 लाख 22 हजार है और विद्यार्थियों की संख्या एक करोड़ 10 लाख है. शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या तीन लाख 16 सौ 20 है। शिक्षकों के कार्यरत पदों की संख्या दो लाख 26 हजार 234 है. पांच साल में नियुक्त शिक्षकों की संख्या 26 हजार है.