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MP News: 16 साल बाद गुजरात के जूनागढ़ से भोपाल पहुंचा शेर का जोड़ा, 21 दिन क्वारेंटाइन में रखे जाएंगे, इसके बाद टूरिस्ट कर सकेंगे दीदार

A pair of lions brought to Bhopal from Junagadh, Gujarat

भोपाल: वन विहार नेशनल पार्क पहुंचा शेर का जोड़ा

MP News: शनिवार यानी 21 दिसंबर की शाम गुजरात के जूनागढ़ से दो शेर (Lion) भोपाल लाए गए. करीब 16 साल बाद ये पूरी प्रक्रिया सफल हो पाई. इन्हें राजधानी भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क (Van Vihar National Park) में रखा जाएगा. इन्हें जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर (Sakkarbagh Zoo) से लाया गया है. इनमें एक मादा शेर और एक नर शेर है.

21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन में रखा जाएगा

एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम (Animal Exchange Program) के तहत दोनों शेरों को भोपाल लाया गया है. दोनों को 21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन रखा जाएगा. इस दौरान संबंधित अधिकारी और डॉक्टर्स की टीम निगरानी रखेगी. शेरों के व्यवहार और उनके स्वास्थ्य को लेकर निगरानी रखी जाएगी. स्थान और मौसम में बदलाव से क्या परेशानी हो रही है इसका भी रिकॉर्ड रखा जाएगा. 21 दिनों बाद टूरिस्ट शेरों का दीदार कर सकेंगे.

प्रदेश में बढ़ेंगे शेरों का कुनबा- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बधाई देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर लिखा कि 16 वर्ष पुराना स्वप्न हुआ साकार. वन विहार की ‘जंगल बुक’ में 2 और गिर के शेरों की दस्तक. मुझे आप सबसे यह जानकारी साझा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि भोपाल के वन विहार में ‘Animal Exchange Program’ के तहत जूनागढ़ के शकर चिड़ियाघर से दो प्योर ब्रीड एशियाटिक लॉयन की दस्तक के साथ ही भोपाल का 16 वर्ष का इंतजार समाप्त हो गया है.

सीएम ने आगे लिखा कि अब निश्चित ही प्रदेश में शेरों का कुनबा बढ़ेगा एवं पर्यटन तथा रोजगार के नये द्वार खुलेंगे. हम वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्स्थापना के लिए सदैव तत्पर हैं. मध्य प्रदेश की धरती पर गिर के शेरों का स्वागत है और प्रदेशवासियों को इन मेहमानों के आगमन पर हार्दिक बधाई देता हूं.

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16 साल का इंतजार क्यों करना पड़ा?

मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शेर और बाघों को आदान-प्रदान करने की कोशिश 2006 से चल रही थी. गुजरात ने युवा बाघों के बदले बूढ़े शेर दे रहा था. इसे मध्य प्रदेश सरकार ने मानने से इनकार कर दिया. अब 16 साल बाद NTCA की समझाइश और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहमति बन पाई.

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