MP News: इंदौर सफलता का एक ही मंत्र होता है, वह है, कड़ी मेहनत, मेहनत के दम पर हर वह मुकाम हासिल किया जा सकता है, जो आप पाना चाहते है, इसके लिए कई कुर्बानियां भी देना पड़ती है. यह कहना है एमपीपीएससी वन सेवा परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाले उभय सिंह परिहार का. मूलतः उभय सतना के रहने वाले है और किसान के बेटे है. माता पिता ने काफी संघर्ष कर बेटे उभय को पढ़ाया लिखाया है. उभय ने 2017 में कॉलेज में पढ़ाई करते समय ही एमपीपीएससी और सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी थी.
2019 में पहली बार एमपीपीएससी की एग्जाम दी थी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. फिर भी उभय ने हिम्मत नही हारी, अपने मुकाम को हासिल करने के लिए अपने सबसे प्रिय शौक क्रिकेट का त्याग कर दिया. हर दिन 12 घंटे पढ़ाई की और 2022 की एमपीपीएससी की वन सेवा की प्री परीक्षा पास करने के बाद 2023 में मेंस की परीक्षा पास कर 2 जुलाई को इंटरव्यू देकर 9 जुलाई को रेंजर की पोस्ट पर पहुंच गए.
माता पिता है प्रेरणास्त्रोत
उभय के पिता छोटे किसान है जबकि मां गृहणी है. बेटे की इस मुकाम तक पहुंचने में माता पिता को उभय सबसे बड़ा प्रेरणास्त्रोत बताते है. अपनी या यात्रा के दौरान दादा दादी को खोने के बाद उन्हें झटका लगा था, वह अपने दादा दादी की खातिर सेवा में आना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने ये पास की तो देखने के लिए दादा दादी नही रहे, इस बात का दुख जरूर उभय को है. सिविल सर्विस में भी हमेशा प्री परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते है, 2014 अक्तूबर में होने वाली सिविल सर्विस में मेंस परीक्षा में वह लगातार छठी बार मेंस की परीक्षा देंगे.
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दोस्तो के साथ दूर करते है तनाव
पढ़ाई के दौरान तनाव होने पर उभय अपने दोस्तो के साथ घूमने और मूवी देखना पसंद करते है. परीक्षा रिजल्ट अपने मन माफिक नही आने पर थोड़ा डिप्रेस भी हुए, लेकिन दूसरो को देखकर खुद ही मोटिवेट भी होते रहे है. वर्तमान में तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वह कड़ी मेहनत की सलाह दे रहे है.