MP News: मध्य प्रदेश में चौथे चरण के मतदान के बाद अब राजनीतिक दलों का पूरा फोकस ईवीएम की सुरक्षा-व्यवस्था पर रहेगा. प्रदेश के 21 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव के बाद ईवीएम की सुरक्षा की रोज जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अलावा ईवीएम को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया है.
वहीं स्ट्रांग रूम और आस-पास की सुरक्षा-व्यवस्था भी तगड़ी की गई है. लोकसभा मुख्यालय जिले में रोज आने वाले पोस्टल बैलेट को भी संग्रहित कर सुरक्षित पेटी में रखा जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया राजनीतिक दलों के एजेंटों के सामने पूरी की जा रही है. ईवीएम की सुरक्षा के लिए तीन लेयर से सशस्त्र पुलिस बल तैनात किए गए हैं. वहीं जिला स्तर पर एक अतिरिक्त अधिकारी को इसके देखरेख के लिए जिम्मेदारी दी गई है, जो टीम के साथ इसकी सुबह-शाम इसकी निगरानी करते हैं. इसके देख रेख में पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है.
इसलिए जरूरी है पहरा
विधानसभा चुनाव में कई जिलों में कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता जहां स्ट्रांग रूम में बाहर पहरेदारी करने में लगे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस के कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के बाहर 24 घंटे बाहर बैठकर ईवीएम की रखवाली करते थे. बेरिकेटिंग करने का काम 20 मई के बाद से प्रारंभ कर दिया जाएगा.
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मतगणना के लिए कर्मचारियों की ट्रेनिंग
मतगणना के लिए कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी इसी हफ्ते से प्रारंभ कर दी जाएगी जिला स्तर पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. मतगणना में करीब सुरक्षाकर्मी एक लाख कर्मचारियों को ड्यूटी लगाई जाएगी. वहीं मतगणना स्थल अंदर बाहर का ले आउट बनाने, बेरिकेडिंग करने का काम 20 मई के बाद से प्रारंभ कर दिया जाएगा. मतगणना की प्रक्रिया प्रारंभ होने के एक घंटे पहले तक पोस्टल बैलेट लिया जाएगा. मतगणना के प्रारंभ की प्रक्रिया पोस्टल बैलेट से की जाएगी.