MP News: इंदौर में त्योहार का समय नजदीक आते ही बस ऑपरेटर्स यात्रियों का फायदा उठाने लगते है. दीपावली के नजदीक आते ही बसों का किराया दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया जाता है. ऐसे शहर जहां जाने के लिए ट्रेन या फ्लाइट नहीं होती, वहां जाने के लिए सिर्फ बस ही सहारा होती है. इसी का फायदा बस ऑपरेटर उठाते है.
इंदौर में एक दिन में 36 ट्रेन, 42 फ्लाइट्स चलती हैं
एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर में कई अलग-अलग राज्यों और शहरों के लोग रहते हैं. त्योहार के समय मिलने वाली छुट्टी में ये सब अपने गृह नगर जाते हैं. इंदौर से 36 ट्रेन और 42 फ्लाइट संचालित होती हैं, लेकिन इन दोनों के रूट हर शहर के लिए नहीं है. त्योहार के समय ट्रेनें फुल हो जाती हैं, वहीं फ्लाइट का किराया भी बहुत अधिक बढ़ जाता है. ऐसे में सामान्य यात्री बस में ही यात्रा करने को मजबूर होता है और इस मजबूरी का बस ऑपरेटर्स जमकर फायदा उठाते हैं. इंदौर से अलग-अलग शहरों की यात्रा करने वाले यात्रियों की एक ही मांग है कि शासन-प्रशासन इन बस ऑपरेटर्स पर नकेल कसे.
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यात्री ना मिलने से वसूलते हैं दोगुना किराया- बस ऑपरेटर्स
इस मामले में बस ऑपरेटर्स का कहना है कि कुछ बसों का ऑनलाइन स्लॉट बुक रखने के लिए 1 सीट का महंगा दाम रखा जाता है लेकिन इस दाम पर सीट बुक नहीं होती. यदि दाम नहीं रखेंगे तो उसका बुकिंग स्लॉट कैंसिल हो जाता है. वहीं किराया उस समय दोगुना किया जाता है, जब एक ओर से ही बस दूसरे शहर में जाती है. वहां से वापस लौटते समय यात्री नहीं मिलते, इस वजह से किराया दोगुना वसूलना पड़ता है.
‘किराया पहले से तय, ऑपरेटर्स ज्यादा किराया नहीं वसूल सकते’
परिवहन विभाग के एआरटीओ राकेश गुप्ता का कहना है कि बस ऑपरेटर्स मनमानी से किराया नहीं बढ़ा सकते. किराया पहले से ही तय रहता है, यदि बस ऑपरेटर ऐसा कर रहे है तो इसकी जांच कर के कार्रवाई करेंगे. दीपावली के नजदीक आते ही बस ऑपरेटर्स की यह मनमानी हर साल देखने को मिलती है. इस बार कलेक्टर ने किराया बढ़ाने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने की बात कही है.