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MP News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक क्यों फैलाई झोली? वीडियो हुआ वायरल

jyotirditya sindhiya

अशोकनगर में कार्यक्रम के दौरान झोली फैलाते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया

भोपाल: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है. देश में चुनाव सात चरण में होगें. साथ ही मध्य प्रदेश में भी चार चरणों में चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं फिर चाहे वह बीजेपी हो या फिर कांग्रेस. सभी प्रत्याशी चुनाव के प्रचार में जुड़ गए हैं. सभी जनसंपर्क करने के लिए अपने-अपने लोकसभा सीट में पहुंच चुके हैं. इसी प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे झोली फैलाए नजर आ रहे हैं.

गुना शिवपुरी सीट से भाजपा प्रत्याशी मोदी सरकार के विमान उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोकनगर जिले के दौरे पर एक भाषण के दौरान अचानक अपनी झोली फैला दी. सिंधिया झोली फैलाते हुए कहा, “‘कल्पना हमने की थी जो देश झोली फैलाकर पश्चिमी देशों से वैक्सीन की भीख मांगता था. उसी देश के अंदर 6 महीनो के अंदर 2 वैक्सीन का आविष्कार होगा,अब हम उन्ही पड़ोसी देशो को वैक्सीन भेजेंगे लेकिन उसके बाद ही हमारे देश में दो-दो वैक्सीन बनकर तैयार हो गई.” असल में सिंधिया वीडियो के जरिये बताना चाहते थे कि वैक्सीन के लिए कैसे झोली फैलाना पड़ती थी.

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पहले भी सिंधिया के दरियादिली के होते रहे हैं चर्चे

ज्योतिरादित्य सिंधिया के दूसरों के मदद करने के वीडियो पहले भी वायरल होते रहे हैं इसके पहले भी सिंधिया कई मौके पर पिट्टू खेलते हुए क्रिकेट खेलते हुए या फिर अभी हाल ही में एक वृद्ध महिला की मदद करते हुए नजर आए थे. सिंधिया अपनी संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं, उनके पास जो भी आता है मदद के लिए, वे उसकी तत्काल निराकरण कर देते हैं.

गुना शिवपुरी सीट में 2019 लोकसभा चुनाव हारे थे सिंधिया

गुना शिवपुरी वही सीट है जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 लोकसभा चुनाव में हार गए थे. सिंधिया को उन्हीं के करीबी केपी यादव ने हराया था. हालांकि सिंधिया के BJP में शामिल हो जाने के बाद अब पार्टी ने सिंधिया पर ही भरोसा जताया है और 2024 लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है. सिंधिया के भाजपा में आने के बाद सांसद केपी यादव और वे एक ही दल में हो गए. दोनों ही नेताओं के दल भले ही मिल गए, लेकिन दिल कभी नहीं मिल पाए. केपी यादव भले ही सांसद रहे, लेकिन सिंधिया केंद्र में ताकतवर होने के चलते यहां लगातार योजनाएं लाते रहे और मंचों की शोभा बढ़ाते रहे.

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