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MP News: रामनिवास रावत से ठगी की कोशिश, भाजपा संगठन मंत्री का जालसाजों ने किया कॉल, मांगे 5 लाख

Ramniwas Rawat (file photo)

रामनिवास रावत (फाइल फोटो)

MP News:  डॉक्टर मोहन यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत से एक शख्स ने 5 लाख रुपए की डिमांड कर दी. उसने खुद को भाजपा का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डी. संतोष का पीएस बताया. इस के बाद रामनिवास रावत को उस पर शक हुआ. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हैं, जबकि वन मंत्री रावत से पैसे मांगने वाले ने खुद को डी. संतोष का पीए बताया. वहीं, जिस दूसरे शख्स से बात कराई, उसने डी.संतोष बनकर बात की.

भोपाल कमिश्नर के पास की शिकायत

मंत्री रामनिवास रावत ने विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में आपके लिए काम करने वाले लोगों की व्यवस्था करना है. फ्रॉड का शक होने पर रावत ने 19 जुलाई को भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र से शिकायत की कर दी. क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपी राजेंद्र वर्मा (60) पिता श्याम लाल वर्मा को उत्तर प्रदेश के जालौन से गिरफ्तार किया है.

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की 5 लाख रुपये की डिमांड

वन एवं पर्यावरण मंत्री रावत ने शिकायत में पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले मोबाइल नंबर 9285127561 से कॉल आया था. कॉलर ने खुद को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डी. संतोष का पर्सनल सेक्रेटरी बताया. कॉलर ने कहा, “विजयपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में आपके लिए कुछ लोगों की व्यवस्था करा देंगे, जो आपका पूरा काम देखेंगे. एक व्यक्ति के हिसाब से पांच लाख रुपए लगेंगे.” दो-तीन बार रावत ने टाल दिया, लेकिन कॉलर का कई बार फोन आया. रावत ने बताया कि कॉलर ने किसी अन्य शख्स से भी बात कराई. उसने खुद को भाजपा का संगठन महामंत्री डी. संतोष बताया. वह धीरे-धीरे गंभीर आवाज में बात कर रहा था. हालांकि, शक तो उसी वक्त हो गया था, जब उसने संगठन महामंत्री का नाम गलत बताया. क्योंकि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हैं.

रावत विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. उनके इस्तीफे के बाद वहां उपचुनाव होना है. 8 जुलाई को मंत्री बनने के बाद उनसे पैसे की मांग करने वाले चुनाव के लिए पैसे मांग रहा था. रावत ने बताया कि कॉलर कह रहा था कि चुनाव में आपकी मदद करते रहेंगे. रावत ने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री की ओर से ऐसा कोई कॉल नहीं किया गया है. रावत को पूरी बात समझ आ गई. इसके बाद उन्होंने शिकायत की. क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू की.

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