MP News: दो महीने के बाद आखिरकार मोहन सरकार को फिर से कर्ज लेने की जरूरत आ पड़ी है. मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति की हालत खराब हो चुकी है. बजट पेश करने से पहले मोहन सरकार 2 से 5 हजार करोड़ का खर्च लेगी. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कर्ज लेने की अनुमति दे दी है. बता दें कि मध्य प्रदेश पर अब तक 3 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है.
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के वित्त विभाग के प्रस्ताव पर राज्य सरकार को रिजर्व बैंक आफ इंडिया से लोन लेने की अनुमति दी है. सरकार ने प्रस्ताव को लगभग डेढ़ महीने पहले भेजा था. आचार संहिता खत्म होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृति दी जा चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार विकास से जुड़े हुए कार्यों को पूरा करने के लिए जून महीने में कर्ज ले सकती है. मध्य प्रदेश सरकार जून महीने में कोई बाजार से लोन लेती है तो यह सरकार का पहला वित्तीय वर्ष के हिसाब से कर्ज होगा.
इससे पहले जनवरी से लेकर मार्च के बीच में मोहन सरकार 5 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. प्रदेश में सड़क, पुल जैसे विकास कार्य और लाडली बहन योजना को पूरा करने के लिए जून महीने में सरकार अगले 15 दिनों में कर्ज ले सकती है. लाडली बहन योजना का हर महीने खर्च 1676 करोड रुपए का है. बजट की तैयारी से पहले यह कर्ज लेकर सरकार बाकी कार्यों को पूरा करेगी. पिछले दिनों जीएसडीपी से ज्यादा कर्ज लेने के चलते आरबीआई ने मध्य प्रदेश सरकार को कर्ज देने से इनकार कर दिया था लेकिन नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से अनुमति दी गई है.
आय बढ़ाने के सोर्स खोज रही सरकार, संपत्ति बेचने का भी प्लान
मध्य प्रदेश सरकार एक तरफ आय बढ़ाने का सोर्स तलाश रही है. वहीं दूसरी तरफ दूसरे राज्यों में मध्य प्रदेश की संपत्ति को बेचने का भी प्लान है. करीब 50 हजार करोड़ से अधिक सरकार की संपत्ति दूसरे राज्यों में है. मुंबई की संपत्ति भी मिला ली जाए तो इस हिसाब से 1 लाख करोड़ की सरकार की संपत्ति है. मध्य प्रदेश सरकार पहले ही राज्य में सरकारी जमीनों को बेच रही है. वहीं अब दूसरे राज्यों मध्य प्रदेश सरकार की जमीनों को भी बेचने की तैयारी की जारी है लेकिन हैरत की बात है कि सरकार की तरफ से ध्यान नहीं देने की वजह से उन जमीनों पर कब्जा हो चुका है.