शंकर राय-
MP News: बैतूल के भैंसदेही मैं भारी बारिश के चलते बैतूल जिले के भैंसदेही विकास खण्ड में किसानों की सोयबिन की फसल पीला मोजेक रोग का शिकार होने के बाद बर्बाद हो गयी. मेहनत कश किसानों ने जब अपनी फसल बर्बाद होते देखी तो उन्होंने कृषि विभाग से मदद की दरकार की है. अपनीं मेहनत पानी डूबने के बाद किसान कृषि कार्यालय पहुंचे और मदद दिए जाने के लिए ज्ञापन भी सौंपा. इस दौरान किसानो की निराशा साफ तौर पर देखने को मिली. फसल बर्बाद होने से निराश किसान कृषि अधिकारी के पैरों पर गिर पड़े. और बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई. कृषि अधिकारी ने किसानों को हर सम्भव मदद का आश्वासन भी दिया.
बारिश अधिक होने से खराब हुई फसल
बैतूल के भैंसदेही मैं अतिवर्षा से फसले खराब हो गई. लेकिन अब तक फसलों का सर्वे नहीं किया गया है. बारिश अधिक होने से सोयाबीन मक्के की फसल पर यलो मोजेक का खतरा मंडराने लगा है. खेतों में खड़ी सोयाबीन फसल पीली पड़ने लगी है. उसके पत्तों में छेद नजर आने लगे हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. बैतूल जिले के भैंसदेही के ग्राम कौडिया, कौडी,लाहस, धुडियानाई, धुडिया पुरानी, बाड़गांव, सारई, भीकुंड,मंथनी, सहित दो दर्जन से अधिक किसानों की सोयाबीन की खेती तो पीला मोजेक रोग से चौपट हो गई है. वहीं किसानों ने अपनी समस्या को लेक कृषि कार्यालय पहुचकर ज्ञापन सौंपा. किसानों ने अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम से रैली निकाली. किसान हाथो में खराब फसल लेकर नारेबाजी करते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे थे. जहां किसानों ने ज्ञापन देकर बताया कि ग्राम कौडी पहनं 87, कौडियों पहनं 87, लहास पहनं-86, धुडियानई पहन- 86, धुडिया पुरानी पहनं-86, बडगाँव पहनं-86, सरई पहन-85, भिवकुण्ड पहनं 85 के किसानों की फसले अत्याधिक बारिश से खराब हो गई है.
कहीं-कहीं फसलों में फल्लियां नहीं आई. जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है और किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के पास आय का एकमात्र साधन कृषि भूमि ही है. जिस पर खेती करके किसान अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते है. फसल नष्ट हो जाने के कारण किसानों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. किसानों द्वारा अपने कड़ी मेहनत से तथा रूपया लगाकर बीज की बुआई कर फसल पैदा की जाती है. किसानों ने मांग की है कि फसलों का अतिशीघ्र सर्वे कराकर मुआवजा राशि प्रदान की जाये.
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कृषि विभाग के भैंसदेही के अधिकारी एस.एल टेकाम का कहना है कि हमारे यहां 15 से 20 ग्रामों के कृषकों के ज्ञापन एसडीएम महोदय के नाम से हमें प्राप्त हुए हैं साथी 10 ग्रामों का सर्वे भी हमारे विभाग की ओर से किया जा चुका है एवं क्षेत्र में 150 से 200 हेक्टयर किसानों की सोयाबीन और मक्का की फसल अतिवृष्टि के कारण खराब हुई है. एवं किसानों के खेतों का जब सर्वे किया गया तो उसमें यहां पाया गया है कि जो किसान फसल बीमा राशि और मुआवजे की मांग कर रहा है उनके फैसले 100% अतिवृष्टि और पीला मोजक बीमारी के कारण पूरी तरह से खराब हो चुकी है.
किसान ने आखिर क्यों पड़े अधिकारी के पैर
ग्राम कौडिया के किसान सलवे का कहना है कि हम गरीब आदमी हैं हमारे पास थोड़ी सी खेती बड़ी है और वह डूब गया तो हम करें क्या इसलिए हम मांग कर रहे की मुआवजा मिल जाए तो हमारा कुछ विस्तार हो जाएगा तीन एकड़ में मैंने अपने खेत में सोयाबीन की फसल लगाई थी और मैंने बटाई ठेका भी किया है और मैं 10 एकड़ में लगभग फसल लगाई जो की पूरी तरह से बर्बाद हो गई. इसलिए मैंने की कोई मेरा बात सुन ले या साहब बीमा दे. इसीलिए मैं उसके पैर पढ़ कर मुआवजा देने की मैंने मांग की इसके अलावा मेरे पास कोई रास्ता ही नहीं है. साथ ही मैंने कर्जा लेकर फासले लगाई थी अब मैं कर्ज कैसे चुकाऊंगा.
कृषि विभाग अधिकारी ने क्या कहा
कृषि विभाग के अधिकारी से विस्तार न्यूज़ ने पूछा कि किस आपके पैर छूकर आपसे मदद की गुहार लगा रहा है तो कृषि विभाग के अधिकारी एस.एल टेकाम ने कहा कि यह उस किसान का पैर पड़ना एक अलग बात हो गई भाव ऐसा रहा होगा कि की यही सब कुछ करेंगे ऐसा नहीं है कि वरिष्ठ कार्यालय एवं राजस्व न्यायालय से जो भी आदेश मिलेंगे उसका पालन हमारे द्वारा किया जाता है.
इस अवसर पर रंगीलाल मेश्राम, सुनील उइके पटेल, किशोर दहीकर, जगदीश हरसुले, सतीश सलामे, रामदास सलामे उप सरपंच, राजू मालवीय, रामदास धुर्वे, प्रेमलाल सलामे, राजेश, भजनलाल सरियाम, सूरज वाड़िवा, सियाराम धुर्वे, संदीप वाडीवा, भैयालाल, सुंदरलाल, सरजू वाडिवा, हीरालाल सलामे, जगदीश सलामे सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे.