शंकर राय-
MP News: जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. यहां गांव में सड़क नहीं होने के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचने के लिए पुलिस और ग्रामीणों को शव को कंधे पर रखकर करीब 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. वहीं पोस्टमार्टम करने के बाद दोबारा घर ले जाने के लिए भी ग्रामीणों को शव को कंधे पर रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.
यह है पूरा मामला
दरअसल, बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव में नदी में डूबने से उदन शाह 55 साल की मौत हो गई. जिसकी सूचना मिलने पर चोपना पुलिस मौके पर पहुंची. क्योंकि रामपुर से दानवाखेड़ा गांव तक करीब 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने एवं बारिश के कारण कीचड़ होने के कारण गांव तक कोई वहां नहीं पहुंच सका. जिसके कारण जोपना पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को कंधे पर उठाकर सड़क तक रामपुर लाया जहां से वहां के माध्यम से शव को घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया. जहां पर शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया. लेकिन दोबारा शव को दानवाखेड़ा ले जाने के लिए ग्रामीणों को रामपुर से दानवाखेड़ा तक कीचड़ भरी सड़क पर शव को कंधे पर उठा कर ले जाना पड़ा. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया.
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दूसरी पत्नी के घर से पहली पत्नी के घर जा रहा था
चोपना थाना प्रभारी राकेश सरियाम ने बताया कि दानवाखेड़ा गांव निवासी उदन शाह 55 साल अपनी दूसरी पत्नी के घर से पहली पत्नी के घर जा रहा था. लेकिन वह घर नहीं पहुंचा. जिस पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. आसपास तलाश करने के बाद गांव के ही पास नदी में उसका शव मिला. जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे. गांव तक पहुंचाने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण जैसे तैसे गांव तक पहुंचे. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिसकर्मियों एसआई राकेश सरियाम, ने शव को कंधे पर उठाकर करीब 10 किलोमीटर दूर रामपुर तक शव को लाया गया. जिसके बाद रामपुर से शव को वाहन से घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया. जहां पर शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
मृतक के भाई जगन सिंह ने बताया भाई की नदी में डूबने से मौत हो गई थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाना. रामपुर से दानवाखेड़ा तक 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण शव को कंधे पर उठाकर 2 घंटे तक चलते रहे. रामपुर से शव को वाहन में रख घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया. वहीं वापस घर ले जाने के लिए दोबारा रामपुर से दानवाखेड़ा तक शव को कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा.
विकास के दावों की खुल रही पोल
यह खबर सरकार के विकास की पोल खोलती नजर आ रही है. जहां सरकार गांव-गांव पक्की सड़क का दावा करती है. वहीं घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव से रामपुर तक करीब 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण आज भी ग्रामीण कीचड़ भरी कच्ची सड़क से आवाजाही करते हैं. बारिश में तो कच्ची सड़क इतनी खराब हो जाती है कि गांव में कोई वाहन नहीं पहुंच पाता. ग्रामीण कई वर्षों से गांव में सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांग आज भी मांगी बनकर ही रह गई है.