MP News: टीटी नगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर एक व्यक्ति ने कार में जहरीला पदार्थ खा लिया. जहर खाने से पहले उसने एक वीडियो अपने मोबाइल पर बनाया था और उक्त वीडियो अपनी पत्नी को भेज दिया. वीडियो में वह अपनी मौत के लिए उन्होंने तीन शराब कारोबारियों को जिम्मेदार बताया है. वे कह रहे हैं कि कारोबारियों ने उन्हें पार्टनर बनाने के नाम पर धोखा दिया है. पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिए मर्चूरी भेज दिया है. पुलिस को कार से एक सुसाइड नोट भी मिला है, लेकिन जांच का हवाला देते हुए थाना प्रभारी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
पुलिस के अनुसार राधेश्याम सेन पिता भोलाराम सेन (52) विशाल नगर रातीबड़ में रहते थे. वे कारोबारी थे, जबकि उनका बेटा आदित्य कुमार एक अखबार में नौकरी करता है. राधेश्याम शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे घर से कार लेकर निकले थे. इसके बाद 12 बजे के आसपास उन्होंने एक वीडियो बनाया और अपनी पत्नी को भेज दिया. उस समय आदित्या दफ्तर में था. मां ने आदित्य को वीडियो भेजा. आदित्य और मां उन्हें कॉल करने लगी, लेकिन कॉल रीसिव नहीं हुआ. आदित्य मां को लेकर रातीबड़ थाने पहुंचा और पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई.
टीटी नगर थाने से आया कॉल
आदित्य ने बताया कि शाम को टीटी नगर थाने से उसके पास कॉल आया. पुलिस ने कहा कि टीटी नगर पहुंचे हमारे पास तुम्हारे पिताजी की कुछ सूचना आई है. आदित्य थाने पहुंचा तो पता चला कि पिता ने जहर खा लिया है. पुलिस उन्हें विश्वास सारंग के बंगले के पीछे लेकर पहुंचे, वहां कार में पिता का शव था.
पिता के डाक्युमेंट से फर्म बनाई
आदित्य ने बताया कि पिता सोम डिस्टलरी में काम करते थे. सोम डिस्टलरी के मालिक जगदीश अरोरा और उनके भाई अनिल अरोरा समेत अजय अरोरा ने पिता के डाक्युमेंट से फर्म रजिस्टर्ड की थी. फर्म से उन्होंने जमकर पैसा कमाया और उधारियां भी ली. हमें उस समय पता चला कि जब वर्ष 2022 में पिता के पास इनकम टैक्स डिर्पाटमेंट से नोटिस आया। लेटर मिलने के बाद से पिता काफी परेशान रहने लगे. इसकी शिकायत हमारे द्वारा रातीबड़ थाने में की थी. इस पर सोम डिस्टलरी के लोग घर आकर धमकी देते थे.
राधेश्याम ने जो वीडियो में कहा
सोम डिस्टलरी द्वारा 2003 के बाद मुझे पार्टनशिप दी गई, जिसका कोई भुगतान नहीं दिया गया. सोरबिन कंपनी को पूरा भुगतान जाता था. जिसके संचालक जगदीश अरोरा, अनिल अरोरा और अजय अरोरा है. वर्ष 2022 में मुझे पंद्रह लाख रुपए देकर चुप करा दिया गया और कहा गया कि आगे कोई कार्रवाई नहीं करोंगे. मेरे द्वारा रातीबड़ थाने में शिकायत की गई, जिसके पेपर मेरे पास है. कृपया कर मेरे बच्चों को कर्जमुक्त कराया जाए और ऐसे उद्योगपतियों को सजा दी जाए.