Bhopal News: मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद प्रदेश संगठन की तस्वीर बदलेगी. संगठन से जुड़े मौजूदा कुछ पदाधिकारियों का कद बढ़ाया जाएगा, जबकि नए चेहरे प्रदेश संगठन को संभालेंगे. प्रदेश की सभी 29 लोकसभा क्षेत्र में जीत का दावा करने वाली भाजपा जल्द ही प्रदेश संगठन की तस्वीर बदल सकती है. मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा केन्द्र सरकार में प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. ऐसे में प्रदेश में उनके विकल्प पर चर्चा भी शुरू हो गई है.
कहा जा रहा है कि विष्णुदत्त शर्मा शीर्ष नेतृत्व की गुडबुक में हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से लेकर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा तक सार्वजनिक रूप से वीडी शर्मा के संगठनात्मक कार्यों की कई बार चर्चा कर चुके हैं. ऐसे में उन्हें दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. इतना ही नहीं प्रदेश टीम में लंबे समय से पदों पर बैठे कई नेताओं की विदाई होगी, तो नए और युवा चेहरों को संगठन के अहम पदों पर बैठाया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलाना चाहती है. ऐसे में सांसद विधायकों की अपेक्षा संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जा सकता है. हालांकि भाजपा में अब तक यह परम्परा रही है कि सांसद ही अध्यक्ष बनते आ रहे हैं और इस बार भी अध्यक्षी को लेकर जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें से कई लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं.
विधायकों की भी टटोली जाएगी नब्ज
जानकारों की मानें तो 4 जून के बाद प्रस्वावित बैठक में पार्टी विधायकों का परफार्मेंस भी एजेण्डे में शामिल रहेगा. यानी कि लोकसभा चुनावों में पार्टी विधायकों की सक्रियता कैसी रही. उनके विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का परफार्मेंस कैसा रहा. पिछले विधानसभा मौजूदा सांसदों पर रहेगी नजर चुनाव की अपेक्षा किन विधानसभा मौजूदा लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने 8 सांसदों को घर बैठा दिया था. उनके स्थान पर नए चेहरों को मैदान में उतारा है. अब मौजूदा सांसद अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं. सूत्रों की मानें तो प्रस्तावित बैठक में इन सांसदों के भविष्य के बारे में भी निर्णय होगा. पार्टी इन सांसदों की लोकसभा चुनाव में सक्रियता का आकलन करेगी और फिर अपनी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को भेजेगी, जहां से सांसदों के भविष्य के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
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चार जून के बाद होगी बैठक
मध्यप्रदेश भाजपा की 1 जून के संभावित बैठक टाल दी गई है. अब यह बैठक नतीजे और केन्द्र में सरकार बनने के बाद भोपाल में बुलाई जा सकती है. जिसमें परिणामों को लेकर समीक्षा की जाएगी. इस बैठक में ही यह तय हो जाएगा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे कौन से नेताओं का कद बढ़ेगा और वे कौन से नेता होंगे, जिनकी रवानगी हो सकती है. क्षेत्रों में पार्टी का वोट शेयर घटा है. इस सभी का आकंलन होगा, जिसके बाद यह तय होगा कि कौन से विधायक को आगे बढ़ाना है और कौन से वर्तमान मंत्री के पर कतरना है.
इन सांसदों को नहीं मिला है टिकट
गौरतलब है कि भाजपा ने जिन सांसदों के टिकट काटे हैं, उनमें भोपाल से विदिशा से रमाकान्त भार्गव, गुना से प्रज्ञा ठाकुर, सागर से राजबहादुर सिंह, ग्वालियर से विवेक शेजलकर, केपी यादव, धार से छतरसिंह दरवार,
झाबुआ से गुमान सिंह डामोर के स्थान बालाघाट से ढाल सिंह बिसेन और पर नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया है