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MP News: नहीं टूटेगा एमपी में 10 से 30 फ़ीसदी अवैध निर्माण, लगेगा 12 से 30 फीसदी जुर्माना

illegal construction

प्रतीकात्मक चित्र

भोपाल: मध्य प्रदेश में 10 से 30 फीसदी अवैध निर्माण को फिलहाल तोड़ा नहीं जाएगा. इसके बजाय 12 से 30 फ़ीसदी कलेक्टर गाइड लाइन और कंपाउंडिंग फीस के बराबर जुर्माना लगेगा. नगरीय विकास और आवास विभाग ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई के मामले में संशोधन किया है. इसके मुताबिक साल 2021 के बाद जारी किए गए भवन अनुज्ञा से अधिक अवैध निर्माण किए जाने पर तोड़ने की कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसके बजाय जुर्माना लगाकर कलेक्टर गाइडलाइन और कंपाउंडिंग फीस को मिलाकर राशि वसूली जाएगी.

नगरीय विकास और आवास विभाग ने नियमों में संशोधन करते हुए कहा है कि 31 अगस्त 2024 तक के लिए यह नियम लागू किया जाएगा. इसके बाद अनधिकृत निर्माण के तहत कार्रवाई नगर निगम करेगा. नए नियम के मुताबिक कहा गया है कि 2020 से पहले भवन अनुज्ञा से ज्यादा निर्माण किए जाने पर अवैध हिस्से को तोड़ने की कार्यवाही की जाएगी. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अवैध निर्माण पर फिलहाल तोड़ने की कार्रवाई की जाती है. कई मामलों में देखा गया है कि बिल्डिंग परमिशन से ज्यादा निर्माण किया जाता है तो अतिरिक्त शुल्क लेकर वैध भी किया गया है. ठीक इसी तरह के मामलों को देखते हुए साल 2021 के बाद जारी किए गए बिल्डिंग परमिशन से 10 से 30% अधिक अनाधिकृत निर्माण में कलेक्टर गाइडलाइन और कंपाउंडिंग फीस को मिलाकर जुर्माना वसूल किया जाएगा.

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पहले अवैध कॉलोनी को किया वैध

मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां विकसित हुई है. उन्हें सरकार ने वैध करने का फैसला किया था. जिसके मुताबिक कॉलोनी में विकास कार्य नगर निगम कर सके. इसके लिए अतिरिक्त फीस जमा करके वैध कॉलोनियों को किया जा सकता था. इस प्रयोग के बाद बिल्डिंग को भी वैध करने के लिए यह फैसला किया गया है. इसके लिए मध्य प्रदेश नगर पालिका अनुज्ञा के बिना भवनों के संनिर्माण के अपराधों का प्रशमन शुल्क और शर्तों के नियम 2016 में संशोधन किया गया है.

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