MP News: प्रदेश के सरकारी महकमे अब कैबिनेट से सैद्धांतिक स्वीकृति लिए बिना विभाग में नवीन योजनाएं लागू नहीं कर पाएंगे. वित्त विभाग ने विभागों को दिए जाने वाले बजट से नई योजनाएं शुरू करने के लिए सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में अगस्त से मार्च 2025 तक के बजट आवंटन और खर्च की कार्ययोजना के लिए वित्त विभाग ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए थे. वित्त विभाग के निर्देशों के अनुसार कई योजनाओं में सक्षम प्राधिकारी से अनुमति के उपरांत ही राशि आहरण किए जाने का प्रावधान है.
नई योजनाओं के लिए राशि ट्रांसफर करने के लिए कुछ विभागों ने मार्गदर्शन मांगा था. इसको लेकर वित्त विभाग की संचालक बजट तन्वी सुन्द्रियाल ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी सरकारी विभाग में नवीन योजना शुरू करने के लिए वित्त विभाग द्वारा तय प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सबसे पहले मंत्रिपरिषद की सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त करना होगा. वित्त विभाग की प्रकिया का पालन करना होगा. मंत्रिपरिषद से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त होने की स्थिति में नवीन योजना स्वीकृत किए जाने वाले पूंजीगत और राजस्व व्यय के लिए वित्त विभाग की प्रकिया का पालन भी करना होगा, केवल पूंजीगत व्यय के लिए सक्षम प्राधिकारी से योजना का अनुमोदन कराने के बाद प्रशासकीय विभाग वित्त विभाग को अवगत कराएगा. वित्त विभाग यदि संबंधित योजना को परिशिष्ट चार से हटा देता है तो योजना के लिए नियमानुसार राशि निकाली जा सकेगी. यदि परिशिष्ट चार में नवीन योजना है और उसके लिए राशि निकालना है तो कैबिनेट की मंजूरी लेना जरूरी होगा. उसके बाद ही वित्त विभाग मंजूरी प्रदान करेगा.
अभी वित्त से अनुमति लेकर शुरू कर देते थे खर्च
अभी तक सरकारी विभाग किसी भी नवीन योजना को प्रारंभ करने के लिए वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त कर नई योजना के लिए राशि खर्च करना शुरु कर देते थे. अब नवीन योजना के लिए प्रशासकीय विभाग को प्रस्ताव बनाकर पहले वित्त से अनुशंसा करानी होगी इसके बाद कैबिनेट में उसे रखना होगा. मंजूरी मिलने के बाद ही वित्त विभाग उस नवीन योजना के लिए बजट खर्च करने की अनुमति देगा,
विभागों की कई योजनाएं शामिल
वित्त विभाग के परिशिष्ट चार में नगरीय विकास एवं आवास, गृह, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, ऊर्जा, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी, विमानन, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास और रोजगार विभाग, उच्च शिक्षा, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी, जलसंसाधन, नर्मदा घाटी विकास, जेल, कृषि, खेल, घुमन्तु एवं अर्द्ध घुमन्तु जनजाति, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सहकारिता, पशुपालन एवं डेयरी, श्रम, विधान मंडल, खाद्य, लोक निर्माण, पिछड़ा वर्ग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण, सामान्य प्रशासन, पर्यटन, पर्यावरण, नवीन एवं नवकरणीय उर्जा विभागों की कई योजनाएं शामिल हैं. इनके लिए कैबिनेट की मंजूरी पहले लेना जरूरी होगा तभी बजट का खर्च विभाग कर पाएंगे.