MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज सप्रे संग्रहालय में भारतीय भाषा महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने RSS के विचारकों की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को लेकर उठ रहे विवाद पर जवाब देते हुए कहा कि अभी पाठ्यक्रम का कोर्स बना नहीं है, अभी वो कोर्स बनना बाकी है. उसकी अपनी कमेटी है, उसका अध्ययन मंडल है वो फाइनल करेगा.
विचारवान लेखक की रखी जाएंगी किताबें
डॉ. यादव ने कहा कि 55 जिले के अंदर जो पीएम एक्सीलेंस कॉलेज बनाए गए हैं. वहां हमने लाइब्रेरी बनाई है. हमने कहा है कि लाइब्रेरी में कोई भी विचारवान लेखक होगा उन सभी की पुस्तके वहां रखी जाएगी. हम वहाँ पुस्तके ना रखें तो क्या करें, पुस्तक रखनी पड़ेगी. पुस्तक रखने में अब वो राष्ट्रीय स्वयं संघ के हो या अन्य कोई भी हों आपकी इच्छा हो तो पढ़ो और नहीं इच्छा है, तो मत पढ़ो.
भाषा से भारतीय संस्कृति की पहचान…
आज भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय में आयोजित “भारतीय भाषा महोत्सव” का शुभारंभ कर पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह जी एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे। @udaypratapmp#DrMohanYadav… pic.twitter.com/GbJIdFspE6
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 16, 2024
ज्ञान का प्रवाह कभी नहीं रुकना चाहिए
डॉ. यादव ने कहा कि हमारे यहां ऐसा माना जाता है कि ज्ञान दसों दिशाओं से आना चाहिए. ज्ञान का प्रवाह कभी नहीं रुकना चाहिए, भारत की विशेषता भी यही है. भारत के आगे बढ़ने का कारण भी यही है. डॉ. यादव ने कहा कि हमारे यहां कहां गया है, सर्वे भवंतु सुखिन: हम तो सभी के लिए सोच कर चलने वाले हैं. दसों दिशाओं से जो विचार आते हैं उसमें से हम अपने मूल विचार को भूले नहीं है. मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि वाचनालय, ग्रंथालय इसीलिए होते हैं, अभी ये परंपरा थोड़ी कम हो गई है. डॉ यादव ने कहा कि लाइब्रेरी में सभी प्रकार के कोर्स की पुस्तकें होने चाहिए.