MP News: मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं खरीदी बिक्री और भंडारण के लिए स्टॉक लिमिट तय कर दी है. थोक व्यापारी तीन हजार टन और रिटेलर दस टन से अधिक गेहूं का भंडारण नहीं कर सकेंगे. बिग चेन रिटेलर प्रत्येक आउटलेट पर दस टन और उसके सभी डिपो पर तीन हजार टन से अधिक भंडारण नहीं कर सकेंगे.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश में गेहूं की अधिकतम सीमा और स्टाक घोषणा नियंत्रण आदेश 2024 मध्यप्रदेश में लागू कर दिया है. मध्यप्रदेश में गेंहू की खरीदी बिक्री से जुड़े थोक विक्रेता, रिटेलर, बिग चेन रिटेलर और प्रोसेसर को केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर अपना स्टाक लिमिट की घोषणा करना होगा. प्रोसेसर्स मासिक स्थापित क्षमता के 70 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 24-25 के शेष महीनों से गुणा के बराबर मात्रा से ज्यादा भंडारण नहीं कर सकेगा. व्यापारी निर्धारित स्टॉक सीमा और निर्धारित अवधि के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न समय अंतरालों पर संशोधित की जाने वाली मात्रा से अधिक स्टॉक क्रय विक्रय और विक्रय के लिए भंडारित नहीं कर सकेंगे.
आदेश के उल्लंघन पर कलेक्टर और खाद्य विभाग के अधिकारी करेंगे स्टॉक का निरीक्षण
आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के यहां प्रवेश कर तलाशी ली जा सकेगी. कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार जिला आपूर्ति नियंत्रक, जिला आपूर्ति अधिकारी, सहायक आपूर्ति अधिकारी और कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अपने जिलों की सीमाओं के भीतर तलाशी ले सकेंगे. स्थान, परिसर, यान और जलयान तथा परिवहन करने वाले वाहन, पशु की तलाशी ली जा सकेगी. उन्हें अभिग्रहण किया जा सकेगा और न्यायालय में पेश किया जाएगा. अधिक भंडारण से जुड़े दस्तावेज भी निरीक्षण कर उन्हें अभिग्रहित किये जा सकेंगे.
उल्लंघन के मामले में कोर्ट में केस चलाएगी सरकार
न्यायालय इसके लिए सुनवाई के बाद व्यापारी को दंडित कर सकेगा. राज्य सरकार साधारण या विशेष आदेश द्वारा किसी वर्ग को इस आदेश के सभी या कुछ उपबंधों से छूट दे सकेगी और किसी भी समय ऐसी छूट को समाप्त कर सकेगी.