MP News: नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में प्रवेश के लिए छात्रों की आयु सीमा निर्धारित की गई है. इसमें आयु सीमा की गणना के लिए पूर्व निर्धारित तिथियों में संशोधन किया गया है. अब नई तारीखों के आधार पर आयु की गणना की जाएगी. यह आदेश पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक कक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर लागू होगा.
यह हुआ बदलाव
नए आदेश में कहा गया कि प्री- प्राइमरी कक्षाएं जिसमें नर्सरी, केजी- 1, केजी 2 में प्रवेश करने वाले छात्रों की गणना के लिए पहले एक अप्रैल 2024 की तारीख निर्धारित की गई थी. उसे संशोधित करते हुए अब 31 जुलाई 2024 कर दिया गया है. इस साल जिन छात्रों ने नर्सरी, केजी वन और केजी टू में प्रवेश लिया है उनकी आयु की गणना अब 31 जुलाई की तारीख के आधार पर की जाएगी.
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इसी तरह कक्षा एक के छात्रों के लिए भी एक अप्रैल 2024 के आधार पर प्रवेश दिया गया है. इसमें भी संशोधन करते हुए अब 30 सितंबर 2024 के आधार पर गणना करने का आदेश जारी किया गया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि प्री प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं के लिए ही आदेश लागू होगा. अन्य कक्षाओं के लिए पूर्व में निर्धारित शर्तें लागू रहेंगी.
उम्र की अनिवार्यता के चलते प्रवेश के समय शर्तेंः नई शिक्षा नीति में कक्षा नौवीं के छात्रों की उम्र को लेकर अनिवार्यता की गई है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित हो रहे हैं.
गलत उम्र में प्रवेश देने के कारण आ रही थी विसंगति
अभी तक प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की प्रारंभिक कक्षा के नाम पर बच्चों को तीन से पांच साल की उम्र में आंगनबाड़ी में प्रवेश मिलता था. इसके बाद छात्र न्यूनतम पांच से सात साल की उम्र में पहली कक्षा में प्रवेश लेते हैं. आठवीं पास करने के बाद छात्रों की उम्र 13 साल होना चाहिए, लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र ने पहली में न्यूनतम आयु पांच वर्ष से कम उम्र के छात्रों के प्रवेश भी ले लिए. इससे आठवीं तक निरंतर पढ़ते हुए इस साल हजारों छात्र की उम्र 12 साल के आसपास रहता था. इस कारण गाइडलाइन तय कर दी गई है. जिसमे में 13 साल से कम उम्र के छात्र प्रवेश नहीं ले सकेंगे. नौवीं कक्षा में प्रवेशित वर्ष में छात्र की उम्र 13 वर्ष पुरा होना आवश्यक है. इसके प्रावधान मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने वर्ष 2024-25 के लिए नौवीं से 12वीं तक की प्रवेश नीति में कर रखा है.