MP News: देश के प्रत्येक गांव के हर घर में नल से पानी की सप्लाई के लिए केंद्र सरकार ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन लॉन्च किया था. इसकी डेडलाइन मार्च, 2024 रखी गई थी. यानी इस तारीख तक देश के ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में नल से पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जानी थी, लेकिन सरकार का यह ‘मिशन’ पूरा नहीं हो सका.
एमपी समेत कई राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक नल से पानी की सप्लाई का काम पूरा नहीं हो पाया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार जल जीवन मिशन-2 का शुभारंभ करेगी. इस संबंध में दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय में उच्च स्तर पर विचार- विमर्श जारी है. राज्यों से भी इस संबंध में फीडबैक लिया गया है. जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट में जल जीवन मिशन के रिवाइज्ड प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है. जल जीवन मिशन-2 में ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक प्रदेश के सिर्फ दो जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में शत- प्रतिशत घरों में नल से हो रही पानी की सप्लाई हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि जल जीवन मिशन शुरू होने के कुछ समय बाद ही देश में कोरोना ने दस्तक दे दी और दो साल तक मिशन का काम प्रभावित रहा. इस कारण मप्र ही नहीं, पूरे देश में जल जीवन मिशन का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरा नहीं हो पाया. मप्र में जल जीवन मिशन में 51 हजार से ज्यादा गांवों को शामिल किया गया है.
ये भी पढ़ें: राज्यसभा निर्वाचन के लिए 21 अगस्त तक भरे जाएंगे नाम निर्देशन पत्र
10 हजार गांवों में पानी के स्थाई स्रोत नहीं
एमपी में जल जीवन मिशन में समूह नल जल योजना और एकल नल जल योजनाएं संचालित की जा रही हैं. समूह नल जल योजना में जल के एक स्रोत से एक से ज्यादा गांवों में पानी सप्लाई की जाती है. अधिकारियों का कहना है कि समूह नल जल योजना में दिक्कत नहीं आ रही है. एकल नल जल योजना में करीब 10 हजार गांवों में पानी के स्थाई स्रोत नहीं मिल रहे हैं, जिससे काम में मुश्किल आ रही है.
कई राज्यों में पूरा नहीं हो पाया प्रोजेक्ट – मंत्री
पीएचई मंत्री संपतियां उईके का कहना है कि मध्यप्रदेश ही नहीं, अधिकतर राज्यों में जल जीवन मिशन के काम पूरा नहीं हो पाया है. हमारा पूरा प्रयास है कि जल जीवन के अधूरे काम जल्द से जल्द पूरे हों . मिशन के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा कर अफसरों को निर्देश दिए जा रहे हैं। संभवत: केंद्र सरकार जल जीवन मिशन की अवधि बढ़ाएगी.
फैक्ट फाइल
मप्र में योजना में शामिल गांव – 51 हजार से ज्यादा
कुल घरों की संख्या – एक करोड़ 11 लाख
अब तक कितने घरों में सप्लाई- 67 लाख
बकाया बचे घर- 44 लाख
मप्र में योजना की लागत – 50 हजार करोड़ रुपए. (काम में देरी होने से लागत लगातार बढ़ रही है)